असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर बोला हमला, कहा- वक्फ बिल के बहस के दौरान कैंटीन में चाट....
Asaduddin Owaisi on Uddhav Thackeray: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर एक तरफ सरकार वक्फ बोर्ड में सुधार की बात कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक बताया. इसके बाद इस बिल को लेकर JPC का गठन किया गया.
Asaduddin Owaisi on Uddhav Thackeray: केंद्र सरकार ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया था. जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया. एक तरफ सरकार वक्फ बोर्ड में सुधार की बात कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक बताया. इसके बाद इस बिल को लेकर JPC का गठन किया गया. जिसमें 21 सांसद सदस्य होंगे. इस बीच AIMIM चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड बिल को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा है.
ओवैसी ने उद्धव पर लगाए गंभीर इल्जाम
असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर इल्जाम लगाया, "8 अगस्त को उद्धव ठाकरे की पार्टी इंडिया अलायंस के सभी सांसद सदन से भाग गए. जब लोकसभा स्पीकर ने बिल पर बोलने के लिए कहा, तो उद्धव ठाकरे की पार्टी का कोई भी एमपी वहां नहीं बैठा था, सभी कैंटीन में बैठकर चाट खा रहे थे. उद्धव ठाकरे अपने हिंदुत्व में मुसलमानों की बात करते हैं. अब वे महाराष्ट्र विधानसभा इलेक्शन में बड़ी-बड़ी बातें कहेंगे. उन्हें मुस्लिमों के वोट चाहिए, लेकिन जब वक्फ को खत्म करने का बिल लाया जा रहा था, तो ये लोग पीठ दिखाकर भाग गए. अब महाराष्ट्र के मुस्लिमों को अपने दोस्त और दुश्मन की पहचान करनी होगी."
ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर क्या कहा?
वहीं, इस बिल को लेकर कई मुस्लिम सांसदों ने आवाज बुलंद की थी. इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था. "केंद्र सरकार लगातार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सवाल उठा रही है. इसकी तुलना छोटे-छोटे खाड़ी मुल्कों की अर्थव्यवस्थाओं से हो रही है. भारत एक बहुत बड़ा मुल्क है और गल्फ देशों से इसकी तुलना करना गलत है. ये बिल संविधान के आर्टिकल 14, 15 और 25 के नियमों का उल्लंघन करता है. ये बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है."
सपा सांसद ने क्या कहा था?
इसी क्रम में सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा था, "यह मुसलमानों को टारगेट करने वाला बिल है. उन्होंने कहा, आखिर वक्फ संपत्ति बोर्ड में हिंदू भाइयों को शामिल करने की क्या जरूरत है. हिंदू, मुस्लिम या किसी भी धर्म के लोगों को अपनी संस्थाएं चलाने का अधिकार है. इस बिल को लाकर हम खुद संविधान को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं."