Waqf Bill: पार्लियामेंट में आज यानी 14 अक्टूबर को जेपीसी की बैठक हुई है. इसकी अगुवाई बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने की है. इस बैठक में वक्फ से जुड़े दो संशोधन विधेयकों पर चर्चा भी हुई है. बैठक में समिति जमीयत उलेमा-ए-हिंद चीफ मौलाना मोहम्मद असद मदनी, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील रऊफ रहीम, पूर्व IAS अधिकारी अकरमुल जब्बार खान समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया है. सभी लोग आज जेपीसी में अपने विचार रखने पहुंचे थे. स्टेकहोल्डर होने के नाते जमीयत उलेमा-ए-हिंद को आज जेपीसी ने बुलाया था, जिस पर जमीयत ने अपना पक्ष रखा है.


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JPC बैठका का बहिष्कार
वहीं, विपक्षी दलों के कई सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) बिल पर विचार कर रही संसदीय समिति की बैठक का आज यानी 14 अक्टूबर को बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया कि समिति नियम-कानून के मुताबिक काम नहीं कर रही है. कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के ए राजा, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह जैसे विपक्षी सांसद बैठक से बाहर निकल गए और इसकी कार्यवाही को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं.


विपक्ष का बड़ा इल्जाम
सावंत ने संवाददाताओं से कहा कि विधेयक पर गौर कर रही संसद की संयुक्त समिति नियमों के मुताबिक काम नहीं कर रही है. उन्होंने और कुछ अन्य सांसदों ने आरोप लगाया कि समिति के समक्ष उपस्थित एक व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जैसे वरिष्ठ विपक्षी सदस्यों के खिलाफ व्यक्तिगत इल्जाम लगाने की लगाने की इजाजत दी गई है.


विपक्षी सदस्यों ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बाद में एक अलग बैठक की, जिसमें से कुछ ने इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क करने का सुझाव दिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी कार्यवाही जारी रखी.


अब तक हो चुकी हैं पांच बैठकें
जेपीसी अब तक 5 राज्यों में बैठकें कर चुकी है. जिसमें विभिन्न हितधारकों ने समिति के समक्ष अपने विचार रखे हैं. इस समिति की पहली बैठक 26 सितंबर को मुंबई में हुई थी. जिसमें महाराष्ट्र सरकार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. इस स बैठक में वक्फ बिल से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी. 27 सितंबर को गुजरात, 28 सितंबर को हैदराबाद और आंध्र प्रदेश में भी बैठकें हुईं, जिसमें विभिन्न लोगों ने अपने विचार रखे.


क्या है JPC
JPC पार्लियामेंट की एक कमेटी है, जिसमें सभी दलों की बराबर भागीदारी होती है.  जेपीसी को किसी भी व्यक्ति, संगठन या किसी भी पार्टी को बुलाकर उनसे सवाल पूछने का अधिकार है, जिसके लिए इसका गठन किया गया है. अगर वह व्यक्ति, संगठन या पार्टी जेपीसी के सामने पेश नहीं होती है तो इसे संसद की अवमानना ​​माना जाएगा. इसके बाद जेपीसी इस संबंध में संबंधित व्यक्ति या संगठन से लिखित या मौखिक जवाब या दोनों मांग सकती है.