Waqf Board Act in Lok Sabha: लोकसभा में आज यानी 8 जुलाई को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पेश किया गया है. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल में कई ऐसे प्रपोजल हैं, जिन्हें लेकर ऑपोजिशन काफी नाराज है. इस वक्त लोकसभा में इस बिल पर चर्चा जारी है. इस बिल में कहा गया है कि महिलाओं और गैर-मुस्लिमों की भी भागीदारी होगी. इसी को लेकर सदन में बहस हो रही है. 


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उठ रहे हैं कई सवाल
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कोई मठ या किसी मंदिर की कमेटी में मुस्लिम को शामिल किया जाता है? अगर इन कमेटियों में गैर-हिंदूओं को शामिल नहीं किया जा सकता है, तो वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम को क्यों शामिल किया जाना चाहिए. क्या ये संविधान का उल्लघंन है. आइए जानते हैं इन सवालों का जवाब....


क्या किसी मंदिर की कमेटी में गैर-हिंदू हो सकता है सदस्य?
लोकसभा में बहस के दौरान कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा, "यह बिल संविधान पर हमला है. उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि यूपी में मौजूद अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुआ था. क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है? फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्यों की बात क्यों हो रही है?"


किया चौंकाने वाला दावा
उन्होंने दावा किया है कि यह बिल आस्था और मजहब के अधिकार पर हमला है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, "अभी आप मुसलमानों पर हमला कर रहे हैं, फिर आप ईसाइयों पर हमला करेंगे, उसके बाद आप जैनियों पर हमला करेंगे."


ओवैसी ने दी ये दलली
वक्फ बोर्ड बिल पर बहस में हिस्सा लेते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा, "आप मुसलमानों के दुश्मन हैं. यह बिल इस बात को साबित करता है. यह बिल संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है, जो सभी नागरिकों को अपनी आस्था के लिए समान अवसर देता है. आखिर इस बिल को लाने की क्या जरूरत है. 


मंदिर को लेकर किया चौंकाने वाला दावा
उन्होंने कहा कि मंदिरों की समितियों में कोई गैर-हिंदू नहीं है, फिर वक्फ संपत्ति में इसकी क्या जरूरत है. आपकी सरकार ईसाइयों और सिखों के साथ भी ऐसा ही कर रही है.