Mufti Salman Azhari: मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात की एक अदालत ने कुछ शर्तों के साथ सभी मामलों में जमानत दे दी है. हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद उनको जेल में रहना होगा. क्योंकि गुजरात पुलिस ने उन्हें फिर से पासा एक्ट (PAASA) के तहत गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद मुफ्ती को अहमदाबाद की साबरमती जेल से वडोदरा जेल लाया जाएगा.


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क्या है गुजरात का पासा एक्ट
गुजरात प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज एक्ट, (PASA) 1985 के तहत मानव तस्कर, आदतन अपराधी, शराब -ड्रग्स तस्कर और खतरनाक व्यक्ति, प्रॉपर्टी हड़पने वालों, बार-बार जानबूझकर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को कानून व्यवस्था बनाए रखने और हिरासत हिरासत में लेने का प्रावधान है. इस एक्ट को 27 मई 1985 को लागू किया गया था. हालांकि, ये कानून लागू होने के बाद गुजरात सरकार ने अपने गजट में प्रकाशित की थी. 


साल 2020 में हुआ था संशोधन
हालांकि, गुजरात प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज एक्ट  में साल 2020 में गुजरात सरकार संशोधन किया था. इसके बाद  गौ हत्या, साइबर क्राइम, जुआ-सट्टा रैकेट चलाने वालों, प्रॉस्टिट्यूशन रैकेट और  यौन शोषण से जुड़े अपराध इस कानून के दायरे में लाए गए. 


मुफ्ती को इस कानून के तहत हुई है गिरफ्तारी
इस कानून के सेक्शन 3 में कहा गया है कि अगर राज्य सरकार को लगता है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी शख्स को हिरासत में लेना जरूरी है, तो सरकार किसी भी शख्स को हिरासत में ले सकती है. इसके साथ ही सेक्शन 3 में कहा गया है कि  मुल्जिम को गुजरात की किसी भी जगह से हिरासत में लिया जा सकता है और सूबे किसी दूसरे इलाके में भी रिलीज किया जा सकता है. इसी सेक्शन के तहत जूनागढ़ पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच ने डीएम के आदेश को दिखाते मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को गिरफ्तार किया है. 


जूनागढ़ पुलिस क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर ने क्या कहा?
मुफ्ती सलमान अजहरी की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर जतिन पटेल ने कहा, "मुफ्ती सलमान अजहरी के खिलाफ यह कार्रवाई गुजरात प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज एक्ट के तहत की गई है. उन्हें वडोदरा सेंट्रल जेल में रखा जाएगा. जानकारी के मुताबिक, मुफ्ती अजहरी के खिलाफ गुजरात में तीन मुकदमा दर्ज की गई है. मौलाना पर एक जलसा में कथित भड़काऊ भाषण देने का इल्जाम है.