UP सरकार के `लव जिहाद` कानून पर भड़के मुस्लिम नेता फखरुल हसन, कही ये बड़ी बात
UP Politics: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 29 जुलाई को विधानसभा में यूपी गैरकानूनी धार्मिक धर्मांतरण निषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया, जिसके तहत यूपी में `लव जिहाद` के लिए आजीवन कारावास की सजा होगी. इस पर राज्य की सियासत तेज हो गई है.
UP Politics: सपा नेता फखरुल हसन चांद ने 'लव जिहाद' को लेकर मौजूदा कानून में संशोधन लाने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ नकारात्मक राजनीति करना चाहती है.
सरकार पर बोला हमला
चांद ने खुद बनाए गए एक वीडियो में कहा, "लव जिहाद पर अध्यादेश लाने वाली बीजेपी सरकार के पास पहले से ही इस पर कानून है. अगर कोई किसी को किसी मकसद से अपने प्रेम जाल में फंसाता है तो उसके लिए कानून है, लेकिन बीजेपी सिर्फ नकारात्मक राजनीति करना चाहती है. वह बेरोजगारी और पेपर लीक के बारे में कुछ नहीं करना चाहती."
मुस्लिम नेता ने क्या कहा?
सपा नेता ने कहा, "समाजवादी पार्टी समझती है कि ये ध्यान भटकाने वाले मुद्दे हैं. इनसे लोगों का कोई भला नहीं होगा." उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 29 जुलाई को विधानसभा में यूपी गैरकानूनी धार्मिक धर्मांतरण निषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया, जिसके तहत यूपी में 'लव जिहाद' के लिए आजीवन कारावास की सजा होगी. विधेयक में इसके तहत सूचीबद्ध कुछ अपराधों के लिए सजा को दोगुना करने का प्रस्ताव किया गया है.
लव-जिहाद के खिलाफ कानून सदन में पेश
इससे पहले, सोमवार को विधानसभा सेशन शुरू होने पर यूपी सीएम ने अपने मंत्रिमंडल के चार नए मंत्रियों ओपी राजभर, अनिल कुमार, दारा सिंह चौहान और सुनील शर्मा को सदन में पेश किया. आदित्यनाथ ने विधानसभा में बोलते हुए कहा, "ये चार कैबिनेट मंत्री इस विधानसभा का हिस्सा थे. मैं उन्हें इस सदन में कैबिनेट के हिस्से के रूप में पेश करता हूं."
नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा?
इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे का स्वागत किया, जिन्हें सदन में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है. नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा, "मैं आपके इस कदम के लिए आपका धन्यवाद करता हूं. राज्य इस समय बहुत गंभीर मुद्दों का सामना कर रहा है. जैसे बाढ़, कानून-व्यवस्था की समस्या और भ्रष्टाचार का मामला भी शामिल है."
जवाब में स्पीकर सतीश महाना ने कहा, "हम इन सभी पर चर्चा करेंगे. आप विपक्ष के नेता हैं और आपको नोटिस देने का अधिकार है, आप ऐसा करेंगे और हम इन सभी पर चर्चा करेंगे. सरकार जवाब देने के लिए तैयार है.