शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली HC ने सुनवाई से क्यों किया इनकार, कोर्ट ने किया साफ
Sharjeel Imam Bail Plea Refuse: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. इसी मामले में शरजील इमाम को आरोपी बनाया गया है.
Sharjeel Imam Bail Plea Refuse: साल 2020 में दिल्ली में दंगा हुआ था. जिसमें शरजील इमाम समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था और आतंकवाद निरोधी कानून यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई थी. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चूंकि मामला पहले ही 7 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए तारीख आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है.
उमर खालिद समेत कई लोगों को बनाया गया था मुल्जिम
शरजील इमाम, उमर खालिद और कई दूसरे पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत फरवरी 2020 के दंगों के कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने का मामला दर्ज किया गया है. जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक जख्मी हुए थे.
हाईकोर्ट ने क्यों किया सुनवाई से इनकार
इमाम के वकील ने मामले को बताया कि उनकी जमानत याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील 28 महीने से लंबित है और मामले को कई बार सूचीबद्ध किए जाने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है. इस पर न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया की पीठ ने कहा कि हर दिन उसके समक्ष 80 से ज्यादा मामले सूचीबद्ध होते हैं और इमाम की अपील दूसरे सह-आरोपियों की इसी तरह की अपीलों के साथ अगले महीने ही एक निश्चित समय पर सूचीबद्ध की गई है.
कोर्ट ने कहा, "चूंकि अपील 7 अक्टूबर को दोपहर 3:15 बजे अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए तारीख को आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है. आवेदन खारिज किया जाता है." जल्द सुनवाई की मांग करने वाली अपनी अर्जी में इमाम ने कहा कि 2022 में नोटिस जारी होने के बाद उनकी याचिका को हाईकोर्ट की सात अलग-अलग खंडपीठों के समक्ष कम से कम 62 बार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.