Bihar laborers stranded in Jordan: इस्लामिक मुल्क जॉर्डन में भारत के 120 मजदूरों के फंसे होने का मामला सामने आया है. जिसमें से बिहार के सीतामढ़ी जिले के पांच मजदूर शामिल हैं. जॉर्डन में यह लोग कंपनी में काम करते थे. वहां काम बंद हो गया. जिसके बाद इन सभी मजदूरों को मजदूरी की राशि नहीं दी गई. मजदूरी मांगने पर सभी मजदूरों का पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार से लगा रहे हैं गुहार
अब सभी मजदूरों के पास वतन वापस लौटने के लिए न तो उनके पास पैसे हैं और न ही वीजा और पासपोर्ट है. ऐसे में मजदूर भारत सरकार से वीडियो बनाकर वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं. जॉर्डन में फंसे मजदूरों में सुप्पी प्रखंज के बभनगामा रामनगर मकामी मोहम्मद कुर्बान 16 फरवरी 2022 को जॉर्डन गए थे. 


वहीं राजेश कुमार 28 अगस्त 2021 को ,राजू कुमार 15 अगस्त 2023 को और मोहम्मद जाकिर 30 अक्टूबर 2019 को और बथनाहा प्रखंड के चौधरी टोला निवासी 28 वर्षीय जुनैद बैठा 28 अगस्त 2021 को जॉर्डन गए थे. सभी वीडियो जारी कर सरकार से वतन वापसी की गुहार लगा रहे है तो वही उनके परिजन भी काफी चिंतित है. 


इससे पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
इससे पहले भी ऐसी घटना सामने आ चुकी है. कुछ दिन पहले सऊदी अरब में इंडिया के 45 मजदूरों के फंसे होने का मामला सामने आया है. ये सभी मजदूर दो जून की रोटी कमाने गए थे. ये सभी मजदूर झारखंड के मकामी थे. इस सभी मजदूरों ने वतन वापसी के लिए वीडियो बनाकर सरकार से गुहार लगाई थी. 


इन सभी मजदूरों का इल्जाम था कि काम के बदले में कंपनी पांच महीने से मजदूरी नहीं दे रही थी. इस वजह से मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया था. एक मजदूर ने इल्जाम लगाया था कि कमर्शियल टेक्नोलॉजी प्लस कंपनी में सऊदी अरब लेकर आई थी. हम सभी 55 हजार रुपये की कमीशन देकर सऊदी आए थे.