Bangladesh: खोखले साबित हुए मुहम्मद यूनुस के वादे, 50 हिंदू शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए किया मजबूर
Bangladesh News: शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दू समुदाय पर 205 हमले की घटानाएं हुई हैं, जिसमें कई घरों और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया है. अब ताजा मामला शिक्षकों से जुड़ा हुआ है.
Bangladesh News: बांग्लादेश में भारी हिंसा के बीच पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार बर्खास्त हो गई. पूर्व पीएम बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं. इसके बाद भी देश में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान हिंदू अल्पसंख्यकों को हुआ. अब इस हिंसा की आग हिंदू शिक्षकों तक पहुंच गई है.
दरअसल, मुहम्मद युनूस की अगुआई वाली अंतिरम सरकार के गठन के बाद से सरकारी टीचर्स से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 50 अल्पसंख्यक शिक्षकों का जबरन इस्तीफा ले लिया गया है, जबकि शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले की 205 घटनाएं हुई हैं. यह जानकारी अल्पसंख्यकों के एक संगठन ने दी है.
मुहम्मद यूनुस के वादे साबित हुए खोखले
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के वादों के बावजूद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार घटनाएं हो रही हैं. बांग्लादेश अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस ( Muhammad Yunus ) ने पिछले सप्ताह देश के हिंदू समुदाय के लीडरों से मुलाकात की थी. उन्होंने इस दौरान हिन्दू नेताओं को आश्वावासन दिया था कि अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं. साथ ही यूनुस ने अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने की कसम खाई भी थी और कहा था कि वह एक ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर कोई बिना किसी डर के अपने विश्वास का पालन कर सके और किसी भी मंदिर की सुरक्षा की जरूर न हो.
19 शिक्षकों को किया गया बहाल
बांग्लादेशी दैनिक प्रोथोम अलो के मुताबिक, "बरिशाल जिले के बेकरगंज गवर्नमेंट कॉलेज की प्रिंसिपल शुक्ला रानी हलदर से 29 अगस्त को स्टूडेंट्स और बाहरी लोगों की भीड़ ने जबरन रिजाइन ले लिया." इसके बाद अल्पसंख्यक शिक्षकों में डर का माहौल है.
ग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद की स्टूडेंट विंग के कोऑर्डिनेटर साजिब सरकार ने शनिवार को बताया कि पीएम शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने और उनके देश छोड़कर जाने के बाद भी कई दिनों तक हिंसा जारी रही. देशभर में हिन्दू शिक्षकों के साथ मारपीट की घटनाएं हुईं, जबकि उनमें 50 टीचर्स को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि, बाद में उनमें से 19 शिक्षकों को बहाल कर दिया गया.