नई दिल्ली: अरब मुल्क कतर में 8 भारतीयों को जासूसी के इल्जाम में 26 अक्टूबर को फांसी की सजा सुनाई गई. आठों मुल्जिम इंडियन नेवी के रिटायर्ड अफसर हैं. सभी को आठ महिने पहले कतर में गिरफ्तार किया गया था. सभी लोगों की गिरफ्तारी सितंबर 2022 में हुई थी. इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम कतर के इस फैसले से हैरान हैं.      


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विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और सभी कानूनी ऑप्शन तलाश रहे हैं. इस मामले को बहुत अहम मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. सभी कांसुलर और कानूनी मदद देना जारी रखेंगे. फैसले को कतर के अफसरों के सामने भी उठाएंगे."


मिनिस्ट्री ने कहा कि इस मामले की प्रोसीडिंग की कॉन्फिडेंशल नीति की वजह से, इस वक्त कोई और कमेंट करना सही नहीं होगा.


इस्त्राईल के लिए जासूसी करने का है इल्जाम
8 अफसर इंडियन नेवी में अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सभी मुल्जिमों के खिलाफ इसराइल ( Israel) के लिए जासूसी करने का इल्जाम है. इन 8 लोगों में से कई बड़े ऑफिसर भी शामिल हैं.  इनमें से एक ने भारतीय जंगी जहाज की कमान भी संभाली थी. फिलहाल वह एक प्राइवेट कंपनी डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में कार्यरत है. ये कंपनी कतर में आर्म्ड फोर्सेज को प्रशिक्षण से जड़ी सेवा प्रदान करती है. 


इन्हें हुई है फांसी की सजा
सभी 8 मुल्जिमों के नाम हैं, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, मांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी और सेलर रागेश. आठों पूर्व सैनिक अफसरों को जासूसी के इल्जाम में पूछताछ करने के लिए गिरफ्तार किया था.
 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 भारतीयों की बेल पीटिशन को कई बार डिसमिस्ड की गई है. जिसके बाद कतर के अफसरों ने उनकी कस्टडी को बढ़ा दी थी. अब गुरुवार, 26 अक्टूबर को कतर की एक कोर्ट ने सभी को फांसी की सजा सुनाई.