भूकंप से बर्बाद हो गया नोरा फतेही का देश; कैसा है मुस्लिम देश मोरक्को और भारत का संबंध ?
नोरा फतेही ने भूकंप प्रभावित मोरक्को को समर्थन देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है. वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मोरक्को भूकंप में किसी भी भारतीय नागरिक के प्रभावित होने की रिपोर्ट नहीं है.
रबातः उत्तरी अफ्रीकी मुस्लिम देश मोरक्को में शुक्रवार की रात आए भूकंप से लगभग 2,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 3 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. मरने वालों की तादाद और बढ़ने की आशंका है. मोरक्को से भारत का राजनयिक संबंध है.भारत और मोरक्को के बीच कोई सीधी उड़ान सेवा नहीं है, लेकिन यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात और कतर के माध्यम से वहां उड़ाने जाती हैं. यहां रहने वाले ज्यादातर भारतीय आतिथ्य और पर्यटन रोजगार में लगे हुए हैं.
वहीं, दूसरी तरफ मोरक्को की नागरिक नोरा फतेही बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर डांसर और अभिनेत्री हैं. अपने देश में आए भूकंप को लेकर वह यहां काफी फिक्रमंद हैं. नोरा फतेही ने देश में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मोरक्को के प्रति हार्दिक संवेदना और समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है.
नोरा ने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर मोदी के लिए एक संदेश साझा किया, जिसमें लिखा था, “इस बड़े समर्थन के लिए धन्यवाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी! आप जागरूकता बढ़ाने और मदद के लिए हाथ बढ़ाने वाले पहले देशों में से एक थे! मोरक्को के लोग आपके बहुत आभारी हैं! जय हिंद!”
इससे पहले मोदी ने एक्स पर लिखा था, “मोरक्को में भूकंप की वजह से जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं. भारत इस मुश्किल वक्त में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. मोदी ने जी-20 की बैठक में भी मोरक्का संकट का जिक्र किया था."
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र गांव मलबे के ढेर में हुआ तब्दील
इस भूकंप में मोरक्को में पर्यटकों का पसंदीदा गांव मौले ब्राहिम भूकंप के झटकों से थर्रा उठा और हर तरफ चीख-पुकार मच गई थी. एटलस पर्वत पर स्थित यह गांव पूरी तरह तबाह हो चुका है. वहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी, कई मकान जमींदोज हो गए और दीवारें मलबे में तब्दील हो गयीं हैं. 3,000 से भी कम लोगों की आबादी वाले इस गांव में अब बचावकर्मी खंडहर हो चुकी इमारतों के मलबे में सांस ले रहे लोगों को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. गांव के दृश्य बेहद खौफनाक हैं.
गांव के निवासी अयूब ताउदिते ने कहा, ‘‘हमें एक जोरदार झटका महसूस हुआ जैसे कि यह कयामत का दिन हो. 10 सेकंड और सब कुछ बर्बाद हो गया.’’ छात्र अब्देलफतह अल अकारी (19) ने कहा कि भूकंप का झटका एक मिनट से ज्यादा वक्त तक महसूस हुआ.
भूकंप के कुछ घंटों बाद सूरज की रोशनी पड़ने के साथ ही मौले ब्राहिम में सैकड़ों लोग कंबल से ढके शवों को लेकर गांव के चौराहे पर पहुंच गए.. जहां चारों तरफ उदासी और बेबसी का आलम है..
गौरतलब है कि मोरक्को एक इस्लामिक देश हैं. यहां 99 फीसदी मुस्लिम आबादी निवास करती है. रबात इसकी राजधानी है. यहां की मुद्रा को दिरहम कहते हैं. अरबी, स्पेनिश और फ्रेंच यहां की भाषा है. 3 करोड़ के आसपास यहां की आबादी है. यहां राजशाही सरकार चलती है.
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