इंडोनेशिया के बाद यह मु्स्लिम देश बदलने जा रहा अपनी राजधानी; आबादी का दिया हवाला
Iran Changing Capital: मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी बदल ली है. इसी तरह से एक और मुस्लिम देश अपनी राजधानी बदलने पर विचार कर रहा है. बताया जा रहा है कि यहां पर आबादी बहुत ज्यादा हो गई है.
Iran Changing Capital: मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी बदल ली है. इसी की तर्ज पर एक दूसरा मुस्लिम देश कई वजहों से अपनी राजधानी बदलने पर काम कर रहा है. हाल ही में इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी जकार्ता से हटा कर नुसंतारा बना ली है. चूंकि जकार्ता समुंद्र में डूब रही थी, इसलिए इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी बदलने का फैसला किया. इसी तरह से मुस्लिम देश ईरान ने फैसला किया है कि वह अपनी राजधानी तेहरान से हटा कर मकरान में बनाएगा.
मुस्लिम देश ईरान बदल रहा अपनी राजधानी
सरकार के एक नुमाइंदे ने मंगलवार को ऐलान किया कि ईरान अपनी राजधानी तेहरान से दक्षिण तटीय इलाके मकरान ले जा रहा है. यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि तेहरान में बहुत ज्यादा आबादी हो गई है. इसके अलावा तेहरान में बिजली की कमी के साथ पानी की भी कमी है. जहां सरकारी अधिकारी कह रहे हैं कि इस कदम से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, वहीं आलोचकों ने कहा है कि इससे देश पर भारी आर्थिक दबाव पड़ेगा.
बदल जाएगी ईरान की राजधानी
सरकार के प्रवक्ता फातिमा मोहाजेरानी ने मंगलवार को कहा है कि "नई राजधानी दक्षिण के मकरान राज्य में ही होगी, हम इस पर काम कर रहे हैं." जॉर्डन, कुवैत या सऊदी अरब जैसे देशों के उलट, ये देश तरक्की करने के लिए मौजूदा शहरों पर दबाव कम करने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है. मोहाजेरानी के मुताबिक राजधानी को ट्रांसफर करने के लिए दो कमेटियां बनाई गई हैं ताकि ये पता लगाया जा सके कि इसे ट्रांसफर करने की कितनी संभावना है.
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हर पहलू पर होगी नजर
उन्होंने बताया कि राजधानी को जल्दबाजी में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह जरूरी कि एक्सपर्ट इसका मुआइना करें, क्योंकि तेहरान में आबादी बहुत ज्यादा है इसके साथ यहां वातावरण की कई चुनौतियां हैं. खबरों के मुताबिक तेहरान के लोग लगातार बिजली कटौती और पानी की कमी से दो चार हैं. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक तेहरान में इन मुद्दों को हल करने की पूरी कोशिश जारी है.
राजधानी बदलने की मांग पहले भी हुई
ईरानी मीडिया के मुताबिक 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद से राजधानी को बदलने के लिए कई बार बात हुई लेकिन पैसों की कमी के चलते इसे टाल दिया गया. तेहरान में जब भूकंप आया तब महमूद अहमदी नेजाद के राष्ट्रपति काल के दौरान इस मुद्दे पर बहस हुई. पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी इस मामले पर बात की. अब राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की कयादत में इस पर बात हो रही है.