7वीं बार मोदी के स्वागत के लिए बेक़रार है ये अरब मुल्क; क्यों ख़ास है UAE और INDIA के रिश्ते ?
PM Modi: साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधान मंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात छह बार जा चुके हैं , उनका सबसे हालिया सफर दिसंबर में दुबई `जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन` के लिए हुआ था.
Ahlan Modi Mega Diaspora Event: पीएम नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को अबू धाबी में "अहलान मोदी" मेगा डायस्पोरा ( प्रवासी ) प्रोग्राम को संबोधित करेंगे. यह प्रोग्राम भारतीय डायस्पोरा की सबसे बड़ी मीटिंग में से एक होने वाली है, जिसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. इस प्रोग्राम में करीब 50,000 लोग मौजूद रहेंगे.
संयुक्त अरब अमीरात में दूसरे मुल्कों के मुताबिक सबसे ज्यादा तादाद में भारतीय प्रवासी रहते हैं. यह प्रोग्राम 14 फरवरी को बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले होगा. बता दें कि हिंदू मंदिर की आधारशिला 20 अप्रैल, 2019 को रखी गई थी. वहीं, इस प्रोजेक्ट के लिए साल 2015 में यूएई सरकार ने जमीन आवंटित की थी. पिछले कई सलों से भारत-यूएई रिश्तों में काफी मजबूती आई है, और दोनों देश सक्रिय रूप डिप्लोमेटिक और कई मुद्दों पर एक दूसरे बातचीत करते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान आर्थिक मदद को अहम बताते हुए हुए 'जीवंत गुजरात निवेशक शिखर सम्मेलन' में हिस्सा लेने के लिए अगले सप्ताह भारत आ रहे हैं.
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधान मंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात छह बार जा चुके हैं , उनका सबसे हालिया सफर दिसंबर में दुबई "जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन" के लिए हुआ था. इसी वजह से द्विपक्षीय रिश्ते बेहतर हुए हैं. भारत-यूएई व्यापार भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है. मौजूदा वक्त में इसका मूल्य करीब 73 बिलियन अमेरिकी डॉलर है.
इस समझौते पर दोनों देशों ने किए हैं सिग्नेचर
संयुक्त अरब अमीरात में भारत के निर्यात में इजाफा हुआ है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है, जिसमें साल 2021-22 के लिए 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का लेनदेन हुआ है. दोनों देशों ने साल 2022 में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर सिग्नेचर किए हैं, जिसके कारण उनका आर्थिक सहयोग और मजबूत हुआ.
यूएई बड़े निवेशक के तौर पर उभरा
यूएई भारत में एक बड़े निवेशक के तौर पर उभरा है, जिसने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 15.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ अनुमानित 20-21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है. यह संयुक्त अरब अमीरात को FDI के मामले में भारत में 7वें सबसे बड़े निवेशक के रूप में रखता है.