Israel Iran War: नेतन्याहू को बड़ा झटका, ईरान की न्यूक्लियर साइट पर इजरायली हमले का समर्थन नहीं करेगा अमेरिका, राष्ट्रपति बाइडन की दो टूक
Iran Israel attack: ईरान ने 1 अक्टूबर की देर रात इजरायल पर 181 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया. जिससे इजरायल को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस हमले के बाद इजरायल ने ईरान पर हमला करने की योजना बनाई है. इस बीच अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है.
Iran Israel attack: इजरायल पर ईरान के हमले के बाद मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले करेगा. जिसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित जगहों पर इजराइल के किसी हमले का समर्थन नहीं करेंगे.
बाइडन ने क्या कहा?
बाइडन से बुधवार को जब पूछा गया कि ईरान द्वारा मंगलवार को इजराइल पर लगभग 180 मिसाइल दागे जाने के बाद क्या वह इस तरह की जवाबी कार्रवाई का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘इसका जवाब ‘ना’ है.’’ बाइडन ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब उनके और जी-7 के दूसरे नेताओं ने बुधवार को ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंधों के समन्वय पर फोन पर चर्चा की थी.
ईरान पर नए पाबंदी लगाने की हो रही है मांग
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि जी-7 नेताओं ने ‘ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की’ और बाइडन ने अमेरिका की ओर से ‘इजराइल और उसके लोगों के प्रति पूर्ण एकजुटता और समर्थन’ की बात दोहराई. इस बीच, अमेरिकी प्रशासन ने संकेत दिया है कि उसने इजराइल से गुजारिश की है कि वह मंगलवार के मिसाइल हमले का जवाब देने में संयम बरते.
सुप्रीम लीडर की धमकी के बाद अमेरिका पर है भारी दबाव
इजरायल पर हमले के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक के बाद एक पोस्ट किया था. सुप्रीम लीडर ने कहा कि अगर इजरायल के साथ अमेरिका जवाबी कार्रवाई करता है, तो इराक और सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा. वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका इजरायल का समर्थन तो कर सकता है, लेकिन उसके सैनिक ईरान पर हमला नहीं कर सकते और न ही वह इजरायल को अपने सैन्य अड्डे से हमला करने देगा. क्योंकि अगर अमेरिका हमले की इजाजत देता है तो ईरान इराक में उसके सैन्य अड्डे पर हमला कर देगा, फिर अमेरिका मध्य पूर्व से खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा.