Pakistan: पाकिस्तान से एक बड़ी खबर आई है. अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज तंबा की लाहौर के इस्लामपुरा में ‘अज्ञात हमलावरों’ ने गोली मारकर हत्या कर दी. अमीर सरफराज तंबा ने ISI के कहने पर लखपत जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की साल 2013 में नृशंस हत्या कर दी थी.


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26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के करीबी सहयोगी तंबा की मौत के बाद पुलिस ने शूटरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी है. साथ ही तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है. बता दें कि तंबा और उसके सहयोगी मुदस्सर को पाकिस्तानी अदालत ने 'सबूतों की कमी' के कारण बरी 2018 में बरी कर दिया था. 


पंजाब के भिखीविंड के रहने वाले सरबजीत सिंह नशे की हालत में गलती से पाकिस्तानी सीमा के अंदर चले गए, जहां उन्हें 30 अगस्त 1990 को पाकिस्तानी आर्मी ने अरेस्ट कर लिया. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए बम विस्फोटों में सर्बजीत को आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया. इस धमाके में 14 लोगों की मौत हो गई थी. लाहौर कोर्ट ने 1991 में सर्बजीत को बम धमाके के लिए मौत की सजा सुनाई. हालांकि, इस आरोप का भारत सरकार ने बार-बार खंडन भी किया था. 


लाहौर की हाई सिक्योरिटी वाली कोट लखपत जेल में बंद सिंह पर तंबा और उनके साथियों ने ईंट और डंडों से बेरहमी से हमला किया. इस क्रूर हमले के बाद सरबजीत एक सप्ताह तक बेहोश रहे और 2 मई 2013 की सुबह लाहौर के जिन्ना हॉस्पिटल में हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई.


पाकिस्तान जेल में दो दशक सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने अपने भाई को छुड़ाने के लिए लड़ाई लड़ी. वह हमेशा इस बात पर जोर देती थी कि उसका भाई सिंह निर्दोष है और जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह गलती से पाकिस्तान चला गया था. कौर अपने भाई से मिलने पाकिस्तान भी गईं.