Bangladesh reservation violence: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों मेंरिजर्वेशन सिस्टम में सुधार की मांग को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच आज यानी 19 जुलाई को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई हैं और आंसू गैस के गोले दागे हैं. इस हिंसक प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं. बांग्लादेश की राजधानी ढाका और कुछ जगहों पर प्रदर्शन कुछ सप्ताह पहले शुरू हुए थे, लेकिन सोमवार से इनमें तेजी आई. ये विरोध प्रदर्शन पीएम शेख हसीना के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि जनवरी में हुए इलेक्शन में उन्होंने लगातार चौथी बार जीत हासिल की है.


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सेना ने लोगों पर चलाई गोली
एसोसिएटेड प्रेस के एक रिपोर्टर में दावा किया गया है कि सेना के अधिकारियों ने 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलियां चलाईं. ये प्रदर्शनकारी ‘बांग्लादेश टेलीविजन’ के मुख्यालय के बाहर इकट्ठा हुए थे. इस मुख्यालय पर एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था और आग लगा दी थी. सीमा रक्षकों ने राइफलों से भीड़ पर गोलियां चलाईं, जबकि पुलिस अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाई हैं. गोलियां सड़कों पर बिखरी हुई थीं जिन पर खून के धब्बे भी लगे थे.


वाहनों में लगाई आग
‘बांग्लादेश टेलीविजन’ के न्यूज प्रोड्यूसर और पत्रकार ने बृहस्पतिवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य के जरिए तोड़ दिया और वाहनों और स्वागत कक्ष इलाके में आग लगा दी. न्यूज प्रोड्यूसर ने फोन पर कहा, ‘‘मैं दीवार फांदकर भाग गया, लेकिन मेरे कुछ साथी भीतर फंस गए. हमलावर इमारत में घुसे और उन्होंने फर्नीचर में आग लगा दी.’’


भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
इस बीच, हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 8,000 स्टूडेंट सहित लगभग 15,000 भारतीय मौजूदा वक्त में बांग्लादेश में रह रहे हैं और वे सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. हम इसे उस देश का आंतरिक मामला मानते हैं.’’


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा?
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों एवं हमारे छात्रों को उनकी सुरक्षा और आवश्यकता पड़ने पर सहायता के लिए एक परामर्श जारी किया है. हमसे संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर चौबीसों घंटे सक्रिय हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर खुद इस मामले पर करीब से नजर रख रहे हैं."