Bangladesh Crisis Latest Update: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन जारी है. रिजर्वेशन को लेकर जगह-जगह स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं. शेख हसीना देश छोड़ने के बाद ढाका समेत पूरे मुल्क में सेना तैनात कर दिए गए हैं. इसी बीच स्टूडेंट्स कॉडिनेटर ने नोबेल प्राइज विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम पीएम बनाने की मांग की है. 


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बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद फिलहाल देश की कमान सेना के हाथों में है, लेकि इसके बावजूद प्रदर्शनकारी शेख हसीना के पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और पार्टी कार्यालय को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं. इसी क्रम बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घर में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई, क्योंकि पूर्व कप्तान अवामी लीग के सांसद हैं. छात्रों ने उन पर आरोप लगाया है कि जब प्रदर्शन चल रहा था, तब छात्रों पर गोली चली थी, जिसके बाद भी उन्होंने चुप्पी साध रखी थी.


8 लोगों को जिंदा जलाया
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने ढाका में एक अवामी लीग नेता के आवासीय होटल में आग लगा दी, जिसमें 8 लोग जिंदा जल गए. जिससे उनकी मौत हो गई. इस हादसे में 84 से ज्यादा लोग घायल हो गए. खुलना में कोयरा उपजिला परिषद के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और अवामी लीग के अध्यक्ष जीएम मोहसिन रजा समेत तीन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. 


पार्टी के एक-एक नेता को चुन-चुनकर बना रहे हैं निशाना
इसके अलावा नौगांव में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने खाद्य मंत्री साधन चंद्र मजूमदार के आवास में तोड़फोड़ की और में आग लगा दी. जिससे घर जलकर राख हो गया. वहीं, प्रदर्शनकारी देश में मौजूद अवामी लीग के पार्टी तफ्तर को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं. तफ्तर में आग लगा दे रहे हैं. इस दौरान सेना मूकदर्शक बनकर बस देख रही है. सेना प्रदर्शनकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के घर को भी नहीं बख्शा है. चीफ जस्टिस के घर पर भी आगजनी की घटना हुई है. जिसमें कई लोग घायल बताए जा रहे हैं.


हसीना को ब्रिटेन से नहीं मिला है ग्रीन सिग्नल
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अभी भारत में ही रहेंगी. 5 अगस्त को उनकी इस्तीफे के बाद भारत सरकार ने उन्हें अंतरिम प्रवास की इजाजत दी है. हालांकि, हसीना ब्रिटेन में शरण चाहती है, लेकिन अभी तक ब्रिटेन से ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है. ब्रिटेन में उनके स्थानांतरण तक, भारत में उनके प्रवास को केवल अस्थायी रूप से मंजूरी दी गई है. जैसे ब्रिटेन से शरण के लिए मंजूरी मिल जाती है, उसी दिन शेख हसीना लंदन चली जाएंगी.