Islam in Germany: जर्मनी के आंतरिक मंत्रालय ने बुधवार को इस्लामिक सेंटर हैमबर्ग (IZH) संगठन और इसके सहायक संगठनों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. जर्मनी का कहना है कि इसका मकसद कट्टरपंथी इस्लाम फैलाना है. मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट में कहा कि बुधवार को अदालत के आदेश पर जर्मनी के 8 राज्यों में मौजूद इस संगठन के 53 ठिकानों पर तलाशी ली गई है. 


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मस्जिदों पर पाबंदी
स्टेटमेंट में आगे कह गया है कि हैमबर्ग में मौजूद IZH से जुड़ी हुई जर्मनी की सबसे पुरानी मस्जिदें जो फिरोजा रंग के लिए जानी जाती हैं, इसके साथ ही फ्रैकफर्ट म्यूनिख और बर्लिन में मौजूद उपग्रुपों पर पाबंदी लगा दी गई है. मंत्रालय ने कहा कि कार्रवाई के तहत चार शिया मस्जिदों पर भी पाबंदी लगा दी गई है.


IZH से राब्ता नहीं हुआ
अलजजीरा ने लिखा है कि इस ताल्लुक से जब IZH से फोन पर राब्ता किया गया तो उनसे बात नहीं हो सकी. इसी के साथ संगठन की वेबसाइट भी नहीं खुल पा रही है. मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल नवंबर में इस्लामिक सेंटर हैमबर्ग के 55 ठिखानों पर सर्च ऑपरेशन किया गया. इसमें कई सबूत मिले जिनकी बुनियाद पर संगठन पर पाबंदी लगाई गई. 


शिया मुसलमान 
जर्मनी के आंतरिक मंत्रालय नैंसी फैजर के मुताबिक आज हमने इस्लामिक सेंटर हैमबर्ग पर पाबंदी लगा दी है, जो जर्मनी में कट्टरवादी इस्लाम और अधिनायकवादी विचार फैला रहे थे. मंत्रालय ने आगे कहा कि "यह विचारधारा इंसानियत की गरिमा, औरतों के अधिकार, लोकतांत्रिक सरकार और आजाद न्यापालिका के खिलाफ थी." उन्होंने कहा कि वह साफ करना चाहती हैं कि "यह पाबपंदी शिया मुसलमानों की इबादत में खलल डालने के लिए नहीं है." इसका मतलब देश में शिया मुसलमान अपने कर्मकांडो को जारी रख सकते हैं.


इसलिए लगी पाबंदी
मंत्रालय का कहना है कि इस्लामिक सेंटर हैमबर्ग ने इरान के सुप्रीम लीडर की हिदायत पर काम किया और जर्मनी में इस्लामी क्रांति लाने की कोशिश की, जो शरिया कानून को लागू कर सकता था. उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक सेंटर हैमबर्ग ने ईरान के लड़ाका ग्रुप हिजबुल्लाह और यहूदी विरोधी भावना का प्रचार किया, इस पर भी पाबंदी लगा दी गई है.