Germany Iran Diplomatic Relations: ईरान ने 28 अक्टूबर को ईरानी-जर्मन नागरिक जमशेद शारमाद को फांसी पर लटका दिया था, तब से जर्मनी और ईरान के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं. ईरानी मूल के जर्मन कैदी जमशेद शारमाद  को सजा सुनाए जाने के बाद जर्मनी ईरान और तेहरान से इतना नाराज हुआ कि उसने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत को वापस बुला लिया और जर्मन सरकार ने बर्लिन में ईरानी राजदूत को तलब कर कड़ी आपत्ति जताई. अब जर्मनी ने बड़ा फैसला लिया है. जमशेद शारमाद को मौत की सजा के विरोध में जर्मनी ने ईरान के तीन वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का आदेश दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ईरान के सरकारी मीडिया ने 28 अक्टूबर को बताया कि ईरान ने ईरानी-जर्मन नागरिक जमशेद शर्महाद को आतंकवादी हमलों को अंजाम देने का दोषी पाए जाने के बाद फांसी पर लटका दिया. अमेरिका के निवासी जमशेद शारमाद  को 'धरती पर भ्रष्टाचार' के आरोप में 2023 में मौत की सजा सुनाई गई थी. ईरान ने उस पर एक राजशाही समर्थक समूह का नेतृत्व करने का इल्जाम लगाया, जिस पर 2008 में बम विस्फोट करने और देश में दूसरे हमलों की योजना बनाने का आरोप था.


जमशेद शारमाद पर लगा था ये गंभीर इल्जाम
जमशेद शारमाद की गिरफ्तारी की घोषणा 2020 में खुफिया मंत्रालय के एक बयान में की गई थी, जिसमें उसे आतंकवादी टोंडर समूह का नेता बताया गया था, जिसने अमेरिका से ईरान में सशस्त्र और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लॉस एंजिल्स में स्थित ईरान की किंगडम असेंबली का कहना है कि वह 1979 की इस्लामी क्रांति द्वारा उखाड़ फेंकी गई ईरानी राजशाही को बहाल करना चाहती है. यह विदेशों में ईरान समर्थक विपक्षी रेडियो और टेलीविजन स्टेशन चलाता है.


जमशेद शारमाद कौन थे?
जमशेद शारमाद का जन्म 1955 में तेहरान में हुआ था, वे पश्चिमी जर्मन शहर हनोवर में पले-बढ़े. जमशेद शारमाद के पास ईरान और जर्मनी दोनों की नागरिकता थी. जब वे एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहे थे, तब 2007 में एक साइबर हमले के दौरान उनका एक वेबसाइट से कनेक्शन सामने आया, जो हिंसा समेत किसी भी तरह से ईरानी सरकार को उखाड़ फेंकने का समर्थन करती थी.


जमशेद शारमाद लंबे समय से अमेरिका के कैलिफोर्निया में रह रहे हैं, आरोप है कि ईरान ने उन्हें 2020 में दुबई से अगवा कर तेहरान लाया था. जिसके बाद उन्हें ईरान के इस्लामिक कानून के मुताबिक 'धरती पर भ्रष्टाचार' के आरोप में साल 2023 में मौत की सजा सुनाई गई. सोमवार को ईरान ने शर्माहद को फांसी पर लटका दिया, जिसका जर्मनी ने कड़ा विरोध किया है.