इस्लाम की बुनियाद जिन पांच चीजों पर टिकी है उनमें से 'हज' एक है. हर मुसलमान पर अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार हज करना फर्ज है. हज सऊदी के मक्का शहर में पूरा होता है. सऊदी में मौजूद मक्का मदीना मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. यहां हर साल लाखों की तादाद में मुस्लिम आते हैं और हज करते हैं. 


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हज पर खर्च होते हैं लाखों


हज पर जाने के लिए लाखों रुपये खर्च होते हैं. लेकिन तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपने यहां से जाने वाले लोगों पर बड़ा फैसला लेने जा रहा है. हज के सफर को सस्ता बनाने के लिए पाकिस्तान हज के खर्चों में कटौती कर सकता है. पाकिस्तान के धार्मिक मामलों और इंटरफेथ सद्भाव मंत्री अनीक अहमद ने हज के ताल्लुक से खर्चों में कटौते का इशारा दिया है.


सस्ता होगा खर्च


अनीक अहमद के मुताबिक इस साल हज के लिए 1,075,000 रुपये से भी कम खर्च आएगा. इससे पहले ये खर्च 1,175000 का था. बताया जाता है कि हज के दौरान सभी यात्रियों को सहूलतें मिलेंगी. हाजियों को सिम के साथ डेटा पैकेज भी मिलेगा. सरकार ने फैसला किया है कि जो लोग 40 दिन का हज नहीं करना चाहते हैं, वह लोग 20 दिन का हज कर सकेंगे. यात्री हज का बकाया भुगतान डॉलर में कर सकेंगे, जिससे यात्रियों को आसानी हो सकेगी.


भारत से हज का सफर


भारत से भी हर साल हज करने के लिए लाखों मुसलमान सऊदी के मक्का शहर जाते हैं. इसके लिए भी कई लाख रुपये लगते हैं. लेकिन भारत सरकार की तरफ से न हज के खर्चों में न कोई कटौती की गई है और न ही कोई स्कीम लॉन्च की गई है.