Halaal Holiday in Muslim Countries: दुनिया के कई मुस्लिम देशों में 'हलाल हॉलीडे' की मांग तेज़ी से बढ़ रही है. मुस्लिम महिलाएं 'हलाल हॉलीडे' को काफ़ी पसंद कर रही हैं, क्योंकि इसमें इस्लाम के नियमों और रिवायतों की अनुकूलता का ख़ास तौर से ध्यान रखा जाता है और उसके लिए तमाम ज़रूरी इंतज़ाम भी किए जाते हैं. अगर कोई महिला स्विमिंग पूल में जाना चाहे तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है, क्योंकि उनके आस-पास भी ऐसे ही रूल्स को फॉलो करने वाले लोग होते हैं. हलाल हॉलीडे में लोग इस्लामिक नियमों के दायरे में ही रहना चाहते हैं. आम शब्दों में इसे इस्लाम की परम्पराओं के दायरे में रहकर छुट्टियां मनाना कहा जा सकता है. आपको बताते हैं कि आख़िर हलाल हॉलीडे होता क्या है?


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 मज़हबी परम्पराओं के मुताबिक छुट्टियां
'हलाल हॉलिडे' का मतलब ऐसी जगहों पर छुट्टियां एंजॉय करना है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी मज़हबी परम्पराओं और रीति-रिवाज से बगैर समझौता किए छुट्टियों का लुत्फ़ उठा सकते हैं. हलाल हॉलीडे को एक तरह के टूरिज्म के तौर पर माना जा रहा है, जिसमें मुस्लिम तबके के लोग इस्लामिक कानूनों पर अमल करते हुए कहीं भी घूमने जा सकते हैं. हलाल हॉलीडे के हिसाब से छुट्टियां मनाने पर मुस्लिम लोगों को अपनी मज़हबी वैल्यूज़ से किसी भी क़िस्म का समझौता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है और वो अपने मज़हब को फॉलो करते हुए छुट्टियां बिता सकते हैं.



वर्कर्स को मुस्लिम संस्कृतियों की ट्रेनिंग 
इसके अलावा कई बार ऐसा देखा गया है कि जब मुस्लिम समुदाय के लोग घूमने जाते हैं तो वो इस तरह के रेस्टोरेंट की तलाश करते हैं, जहां शराब परोसी नहीं जाती हो. इसके लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन, अब हलाल हॉलीडे की मांग के तहत ऐसे होटल बनाए जा रहे हैं जिनमें शराब परोसी नहीं जाती और न ही खाने को लेकर कोई किसी तरह की कोई परेशानी होती है. इसके अलावा इन जगहों पर कपड़ों को लेकर भी इस्लाम के हिसाब से नियम होते हैं. ऐसे होटलों में नमाज़ पढ़ने के लिए अलग से जगह बनाई जाती है. हलाल हॉलिडे पैकेज देने वाले होटल अपने वर्कर्स को मुस्लिम संस्कृतियों की ख़ास ट्रेनिंग दे रहे हैं. ऐसे होटलों में टूरिस्ट की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है.


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