Hamas Released Video: हमास ने तीन बुजुर्ग इज़रायली बंदियों का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे अपनी रिहाई की गुहार लगाते दिख रहे हैं. अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ़िलिस्तीनी समूह की सशस्त्र शाखा, क़सम ब्रिगेड्स ने सोमवार को अपने टेलीग्राम अकाउंट पर 'डोंट लेट अस ग्रो ओल्ड' टाइटल से एक मिनट का वीडियो शेयर किया है. इजरायली अधिकारियों ने इन लोगों की पहचान 79 वर्षीय चैम पेरी, 80 वर्षीय योरम मेट्ज़गर और 84 वर्षीय अमीराम कूपर के तौर पर हुई है - जिन्हें 7 अक्टूबर को गाजा ले जाया गया था, जब हमास ने इजरायली इलाके में हमले किए थे. इन हमलों में 1,147 लोग मारे गए थे और लगभग 240 को बंदी बना लिया गया था.


वीडियों में क्या है?


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पिछले महीने इज़राइल और हमास के बीच एक हफ्ते का सीजफायर हुआ था. जिसमें हमास ने आधा से ज्यादा बंदियों को छोड़ दिया था. वीडियो में, दो अन्य बंदियों के बीच बैठे पेरी ने हिब्रू में कहा कि वह गंभीर तौर पर बीमार हैं और उन्हें बंधक रखा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा,"हम वह पीढ़ी हैं जिसने इज़राइल के निर्माण की नींव रखी. हम ही हैं जिन्होंने आईडीएफ सेना की शुरुआत की. हमें समझ में नहीं आता कि हमें यहां क्यों छोड़ दिया गया है.''



"हमें यहां बूढ़ा मत होने दो"


पेरी आगे कहते हैं,"आपको हमें यहां से रिहा करना होगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस कीमत पर. हम आईडीएफ सैन्य हवाई हमलों के सीधे परिणाम के रूप में हताहत नहीं होना चाहते. हमें बिना किसी शर्त के रिहा करें.”वीडियो के आखिर में तीनों लोग एक ही स्वर में कहते हैं "हमें यहां बूढ़ा मत होने दो."


हमले के दौरान अपने घर पर थे पेरी


इज़रायली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि हमले के दौरान पेरी निर ओज़ में अपने घर पर थे. उनके बेटे ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी को सोफे के पीछे छिपाते हुए बंदूकधारियों को पीछे हटाने की कोशिश की. रिपोर्ट में कहा गया है कि अंततः उसने अपनी पत्नी को बचाने के लिए खुद की कु्र्बानी दे दी.