हसन नसरल्लाह की जनाजे की नमाज में इजरायली हमले की आशंका, कर्बला में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक?
Hassan Nasrallah Funeral Prayers: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के कहा दफ़नाया जाएगा. इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है. इस बीच बड़ी खबर सामने आई है. दावा किया जा रहा है कि इराक में मौजूद कर्बला में दफनाया जाएगा. कर्बला का महत्व जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें.
Hassan Nasrallah Funeral Prayers: पिछले हफ्ते ही हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की इजरायली हमले में मौत हो गई थी, लेकिन अभी तक हिजबुल्लाह चीफ को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया गया है. आखिर हिजबुल्लाह चीफ को कहां और कब दफनाया जाएगा. इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है. इस बीच बड़ी खबर सामने आई है. जराए ने बताया है कि उन्हें इराक में मौजूद कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक किया जा सकता है. इससे पहले हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के सम्मान में लेबनान से लेकर ईरान में भी शवयात्रा निकाली जाएगी.
जनाजे की नमाज में कौन होगा शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की जनाजे की नमाज में भारी भीड़ नहीं जुटेगी, क्योंकि लेबनान के लोगों को डर है कि इस दौरान इजरायल हमला कर सकता है. इन आशंकाओं के बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची नसरल्लाह के सम्मान में लेबनान के बेरूत में शुक्रवार की नमाज में शामिल होंगे, लेकिन सुरक्षा कारणों से वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगे. इजरायली हमले की आशंका के चलते नसरल्लाह की जनाजे की नमाज प्रतीकात्मक होगी.
कहां किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक
इजरायली हमलों के चलते नसरल्लाह की जनाजे की नमाज बड़े पैमाने पर नहीं किया जाएगा. ऐसी अटकलें हैं कि उनके शव को लेबनान, इराक के कर्बला या ईरान के नजफ़ में दफ़नाया जाएगा. हिज़्बुल्लाह ने अभी तक नसरल्लाह के अंतिम संस्कार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. इराक के प्रधानमंत्री के सलाहकार मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नसरल्लाह को कर्बला में इमाम हुसैन के बगल में दफ़नाया जाएगा. इमाम हुसैन की कब्र दक्षिणी बगदाद के कर्बला में है. नसरल्लाह को भी इसी जगह दफ़नाया जा सकता है. नसरल्लाह की शोहरत और कद को देखते हुए उन्हें कर्बला में दफ़नाए जाने की ख़बरें हैं.
इमाम हुसैन को कर्बला में किया गया था सुपुर्द-ए-खाक
कर्बला वह जगह है जहां पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को दफनाया गया था. पैगंबर मोहम्मद ने कर्बला को धरती का स्वर्ग बताया था. शिया मुसलमानों के लिए इस पवित्र भूमि पर दफन होने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है. नसरल्लाह ने 80 के दशक की शुरुआत में ईरान के नजफ में पढ़ाई की थी. उनकी मौत को फिलिस्तीन के लिए सबसे बड़ा बलिदान माना जा रहा है.