Bangladesh: बांग्लादेश  की अंतरिम सरकार ने पूर्व पीएम पूर्व पीएम शेख हसीना ( Sheikh Hasina ) का पासपोर्ट रद्द कर दिया है, लेकिन इससे अंतरिम सरकार के सलाहाकर मोहम्मद यूनुस को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि भारत ने आवामी लीग की नेता शेख हसीना की वीजा अवधि को बढ़ा दिया है. वीजा अवधि बढ़ने से हसीना के लिए ज्यादा वक्त तक भारत में रहने का रास्ता साफ हो गया है. वह पिछले साल अगस्त में पीएम पद से इस्तीफा देकर भारत आई थीं. तब से वह भारत में रह रही हैं. 


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भारत ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार, भारत से पूर्व पीएम के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है. शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से बेदखल करने के बाद से ही  यूनुस सरकार हसीना और उनकी बांग्लादेश आवामी लीग (बीएएल) पर शिकंजा कसने की पूरी कोशिश कर रही है. सरकार ने पूर्व पीएम और उनके प्रशासन के सीनियर अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफसरों ने इस दावे को खारिज कर दिया कि हसीना को देश में 'शरण' दी गई है और वह सामान्य रूप से देश में रह रही हैं. उन्होंने इस बात पर रौशनी डाला कि भारत उन्हें पनाह नहीं दे सकता क्योंकि भारत के पास कोई शरण नीति नहीं है और इसलिए किसी को भी पनाह देने की कोई अरेंजमेंट नहीं है.


यूनुस शासन ने पूरी नहीं की फॉर्मेलिटीज 
अफसरों ने कहा कि हसीना के वीजा का विस्तार नियमित चैनलों के जरिए से हुआ है और जहां तक ​​प्रत्यर्पण अनुरोध का सवाल है तो यूनुस शासन ने अहम फॉर्मेलिटीज पूरी नहीं की हैं, इसलिए भारत सरकार द्वारा उनकी मांग पर प्रतिक्रिया देने की संभावना नहीं है.


पूर्व पीएम खालिदा जिया लंदन हुईं रवाना
बता दें, पूर्व पीएम और आवामी लीग की चीफ शेख हसीना को पिछले साल अगस्त में रिजर्वेशन के खिलाफ छात्र आंदोलन से उभरे आक्रोश के बाद सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था. इस बीच बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया मंगलवार को इलाज के लिए लिए लंदन रवाना हो गईं. इसे लेकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कहा कि उनकी नेता की ये यात्रा मेडिकल कारणों से हो रही है और इसके सियासी मायने नहीं निकाले जाए. हालांकि, राजनीतिक उथल पुथल के दौर में जिया की विदेश यात्रा कई सवाल खड़ी करती है. सबसे अहम बात यह है कि देश की सियासत पर कई दशकों तक हावी रहीं दो टॉ नेता अब विदेश में है.