Nuh Violence: हाल ही में हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा हुई. इस हिंसा में 6 लोगों को मौत हो गई है. जहां भारत में इस हिंसा के बारे में रिपोर्टिंग हुई, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसके बारे में खूब लिखा है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के नूंह हिंसा के बारे में लिखने की वजह यह है कि भारत में जल्द ही जी20 की मीटिंग होने वाली है. यह मीटिंग दिल्ली में होनी है. इसमें दुनियाभर के कई देशों से कई नेता शिरकत करेंगे. इसलिए दिल्ली के पास हुई हिंसा के बाद यहां सिक्योरिटी पर सवाल उठ रहे हैं. एक मीटिंग तो हरियाणा में होने वाली है. आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने नूह हिंसा के बारे में क्या लिखा है?


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न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत से हिंसा की इस तरह की तस्वीर आना असामान्य नहीं है. लेकिन ये खबरें तब सुर्खियां बन रही हैं, जब सितंबर में जी-20 की बैठक होने वाली है."


डॉन ने लिखा है कि "भारत में अगले साल चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनावों में बीजेपी को मदद पहुंचाने के लिए संघ परिवार ने ये चालें चली हैं."


अल जजीरा ने लिखा है कि "हरियाणा की हिंसा की वजह से मुस्लिम अब और भी ज्यादा घेटो में रहने के लिए मजबूर होंगे."


डीडब्ल्यू का कहना है कि "गुरुग्राम में मस्जिद में आग लगा दी गई और वहां के इमाम की हत्या हुई. हिंसा की वजह से इंटरनेट पर पाबंदियां लगाई गई हैं."


टीआरटी वर्ल्ड ने लिखा कि "नूंह हिंसा के चलते 2000 मुस्लिम अपने घर खाली करके चले गए हैं. आसपास के गांव खाली हो रहे हैं."


रॉयटर्स ने लिखा है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हिंदू राष्ट्रवादियों की सरकार है. जी-20 बैठक से एक महीने पहले दिल्ली के बाहरी इलाके में फैली हिंसा ने सवाल खड़ा करके रख दिया है."


एसोसिएटेड प्रेस ने लिखा है कि "पर्यवेक्षकों ने बार-बार ये बातें दोहराई हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में भारत में धार्मिक ध्रुवीकरण में इजाफा हुआ है."


अब तक क्या हुआ?


ख्याल रहे कि 31 जुलाई को हरियाणा के नूह में धार्मिक यात्रा को लेकर दो समुदायों के दरमियान हिंसा हुई. इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. झड़प में 20 लोग घायल हुए हैं. झड़प के बाद 16 FIR दर्ज हुई हैं. 116 मुल्जिमों को गिरफ्तार किया गया है.