Iran Election: ईरान में पिछले साल हुए राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के बाद पहले संसदीय चुनावों के लिए उम्मीदवारों का नॉमिनेशन सोमवार को शुरू कर दिया गया है. ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही राष्ट्रपति पद एवं संसद के लिए चुनाव लगातार हो रहे हैं. लेकिन धार्मिक उलेमा का एक निकाय इन उम्मीदवारों की समीक्षा करता है और इस्लामी गणराज्य के प्रति विश्वासघाती माने जाने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य करार देता है. सभी बड़ी नीतियों में देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अंतिम फैसला करते हैं.


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ईरान में हुआ था भारी बिरोध प्रदर्शन
ईरान में 22 वर्षीय महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर देशभर में महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे. अमीनी को हिजाब संबंधी देश के कड़े नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस घटना के बाद सत्तारूढ़ धार्मिक उलेमा के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए थे.  उनके चार दशक के शासन की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थे. इसके बाद प्राधिकारियों की कड़ी कार्रवाई से प्रदर्शनों को काफी हद तक दबा दिया गया. इस कार्रवाई में 500 से अधिक मुजाहिरीन की मौत हो गई और करीब 20,000 मुजाहिरीन को हिरासत में लिया गया था. 


पिछले चुनाव में इतने प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले
देश की 290 सीट वाली संसद के उम्मीदवारों के पास ऑनलाइन पूर्व-पंजीकरण के लिए एक सप्ताह का समय है. यह महीने भर चलने वाली प्रक्रिया का पहला चरण है. इनमें से हर एक उम्मीदवार को 12 सदस्यीय धार्मिक निकाय 'गार्डियन काउंसिल' की स्वीकृति की आवश्यकता होगी. इस निकाय के आधे सदस्यों को सीधे सर्वोच्च नेता ने नियुक्त किया है. पिछली बार 2020 में चुनाव से पहले सात हजार से अधिक उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. पिछले चुनाव में मात्र 42 प्रतिशत पात्र मतदाताओं ने वोट डाले थे. यह 1979 के बाद सबसे कम मत प्रतिशत था. 


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