Iran Israel Attack: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष को लेकर फिक्रमंद है, क्योंकि इजरायल और ईरान के बीच तनाव एक बड़े युद्ध में तब्दील होने का जोखिम है. मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी देश की प्रतिक्रिया को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए.


ईरान के हमले के बाद क्या बोला भारत?


ईरान के जरिए इजरायल के खिलाफ मिसाइलों की बौछार शुरू करने से कुछ घंटे पहले वाशिंगटन में एक थिंक टैंक के साथ बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा, "हम संघर्ष के व्यापक होने की संभावना से चिंतित हैं, न केवल लेबनान में जो हुआ, बल्कि हौथियों और लाल सागर में भी, तथा ईरान और इजरायल के बीच जो कुछ भी घटित होगा, उससे भी."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत क्या दे सकता है योगदान


इस हालात में भारत की संभावित भूमिका को साफ करते हुए उन्होंने कहा, "मुश्किल समय में बातचीत के महत्व को कम मत समझिए. अगर कुछ बातें कही जानी हैं, आगे बढ़ाई जानी हैं और वापस दी जानी हैं, तो मुझे लगता है कि ये सभी योगदान हैं जो हम कर सकते हैं, और हम करते भी हैं..."

 

ईरान ने दागी 180 मिसाइलें


ईरान ने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या और इलाके में इजरायली सेना के जरिए जारी सैन्य हमले के जवाब में मंगलवार को इजरायल में कम से कम 180 मिसाइलें दागीं. इस घटनाक्रम से मध्य पूर्व में क्षेत्रव्यापी युद्ध की आशंका है, जबकि इजरायल और अमेरिका ने तेहरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है.