Iran News: ईरान के अधिकारियों ने महसा अमीनी के परिवार को मरणोपरांत पुरस्कार लेने के लिए फ्रांस जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. महसा अमीनी की 2022 में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गयी थी, जिसके बाद पूरे मुल्क में व्यापक पैमाने पर प्रोस्टेट हुए थे.


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अमेरिका में मौजूद ह्यूमैन राइट्स एक्टिविट्स न्यूज एजेंसी (एचआरएएनए) ने 11 दिसंबर देर रात कहा कि प्राधिकारियों ने अमीनी के पिता अमजद और उनके दो भाइयों को ‘‘सखारोव प्राइज फॉर फ्रीडम ऑफ थॉट’’ पुरस्कार लेने के लिए फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ अमीनी के परिवार के वकील सालेह निकबख्त को उनकी तरफ से पुरस्कार लेने के लिए जाने की इजाजत दी गयी है. सोवियत संघ से बगावत करने वाले और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंद्रे सखारोव के नाम पर रखे यूरोपीय संघ के इस पुरस्कार की स्थापना 1988 में मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले लोगों या समूहों को सम्मानित करने के लिए की गयी थी.


यूरोपीय संघ संसद की वेबसाइट के मुताबिक, ‘‘यह यूरोपीय संघ द्वारा मानवाधिकार कार्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.’’ कुर्दिश-ईरानी महिला अमीनी (22) को बुर्का पहनने के नियम का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए ईरान की नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और हिरासत में रहने के दौरान उसकी मौत हो गयी थी, जिसके बाद व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे. 


अमीनी की मौत से गुस्साई ईरानी महिलाओं ने प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभायी थी और उनमें से कुछ महिलाओं ने अपने बुर्के उतार दिए थे. ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक, इसके बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और करीब 20,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया.


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