Iran Supreme Leader on Indian Muslims: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारत के मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं. उन्होंने ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर यह बात कही. इसके साथ ही उन्होंने दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकता की जरूरत पर जोर दिया. 


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सुप्रीम लीडर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या कहीं और किसी मुसलमान की पीड़ा से अनजान हैं, तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना ​​चाहिए.' उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया कि उन्होंने इसमें भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जिक्र क्यों किया. 



विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ये गलत सूचना पर आधारित हैं और अस्वीकार्य हैं. अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखें."



भारत और ईरान के बीच कैसे हैं रिश्ते?
वैसे तो भारत और ईरान के रिश्ते मजबूत रहे हैं. द्विपक्षीय रिश्तों में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है. भारत चाबहार समझौते का अहम हिस्सा है. मई 2015 में नई दिल्ली ने चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. मई 2016 में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय परिवहन के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे चाबहार समझौते के नाम से भी जाना जाता है.


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के जनाजे में हुए थे शामिल
वहीं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मई में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और पूर्व विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के निधन के बाद संवेदना व्यक्त करने के लिए आधिकारिक समारोह में शामिल होने गए थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस साल जुलाई में तेहरान में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.