जॉर्डन की सड़को पर बड़ा विरोध प्रदर्शन, यमन और लेबनान की तरह जंग में कूदने की मांग
मार्च करते हुए लोग यमन की ओर से इजराइल पर दागे गए मिसाइलों की सराहना कर रहे थे और यमनी मिसाइलों की जय के नारे लगा रहे थे.
Gaza War Update: जॉर्डन की राजधानी अम्मान और देश के कई बड़े शहरों में जॉर्डनवासियों ने बड़े पैमाने पर फिलिस्तीन के समर्थक में मार्च किए. मार्च कर रहे लोगों के हाथों में हमास, हिजबुल्लाह, और हूती के समर्थन वाले बैनर थे. लोगों की जॉर्डन सरकार से मांग थी कि जॉर्डन भी इजराइल के खिलाफ फ्रंट खोले और जंग में शामिल हो. आपको बता दें जॉर्डन ने पहले ही इजराइल के दूत को अपने देश से वापस इजराइल भेज दिया है.
"यमन की मिसाइलों की सराहना"
अल-मायदीन की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद फिलिस्तीनियों के लिए नमाज और रेलियां निकाली गई, जिसमें जॉर्डन की कई सेनाओं ने हिस्सा लिया और आम लोगों से मार्च में शामिल होने का अह्वान किया. मार्च में हिस्सा लेने वाले लोगों ने यमन के समर्थन में नारे लगाए और फिलिस्तीनी प्रतिरोध और गाजा के साथ अपनी एकजुटता दिखाई. मार्च करते हुए लोग यमन की ओर से इजराइल पर दागे गए मिसाइलों की सराहना कर रहे थे और यमनी मिसाइलों की जय के नारे लगा रहे थे.
जॉर्डन सरकार से जंग में कूदने का अह्वान
मार्च में शामिल हुए लोगों ने जॉर्डन सरकार से इजरायल के खिलाफ आगे बढ़ने का आग्रह करते हुए नारे भी लगाए और इजराइल और जॉर्डन के बीच हुए 'वादी अरब' शांति समझोते को खत्म करने की अपील की. मार्च में लोग अल-क़सम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा के समर्थन में भी नारे लगा रहे थे.
"सीधे जंग में नहीं शामिल होगा जॉर्डन"
पिछले हफ्ते जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफ़ादी ने 7 अक्टूबर से जारी इज़रायली हमलों के खिलाफ अरब सेना को तैनात करने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया था. बहरीन में हुए IISS मनामा डॉयलोग सेक्योरिटी सम्मिट में सफ़ादी ने कहा था कि उनका देश फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन को रोकने के लिए जो कुछ भी करना होगा करेगा. लेकिन जंग में सीधे शामिल होने की कोई संभावना नहीं है.