Kashmir Conflict: तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) में कश्मीर मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा, "भारत और पाक को इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए, इससे इलाके में स्थिरता आएगी." 


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एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र के आम सभा में कहा, "कश्मीर में शांति से जुड़ा डेवलपमेंट दक्षिण एशिया में इलाकों में शांति और स्थिरता बनी रहेगी. यह पाकिस्तान और भारत के बीच के जरिए कश्मीर में स्थायी शांती बहाल होगी.


आगे उन्होंने कहा, "तुर्किए इस दिशा में उठाए जाने वाले कदम का समर्थन जारी रखेगा." इससे पहले साल 2020 में  तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन कश्मीर को एक ज्वलंत मुद्दा बताया था. इसके साथ उन्होंने आर्टिकल 370 को खत्म करने को लेकर इंडिया की तनकीद भी की थी. वहीं पिछले साल एर्दोगन ने जोर देकर कहा था, "संयुक्त राष्ट्र (UNO) रिजोल्यूशन अपनाएं जाने के बावजूद, कश्मीर अभी भी घिरा हुआ है और वहां 80 लाख लोग फंसे हुए हैं."


पिछले हफ्ते तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन G-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे. इस समिट में उन्होंने हैरान करने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा था, "अगर भारत UNSC का फुल मेंबर बनता है, तो उन्हें बेहद खुशी होगी." बता दें कि UNSC में यूके, अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन पांच स्थायी सदस्य हैं. इन मुल्कों के पास विटो पावर है. 


वहीं तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 19 सितंबर को पहली बार मुलाकात की, दोनों मुल्क धीरे-धीरे अपने संबंधों को सुधार रहे हैं. तुर्किए और इजाइल के बीच एक वक्त संबंध काफी तनावपूर्ण थे. 2010 में तुर्किए के एक जहाज पर हमला हुआ था. इसमें हादसे में तुर्किए के 10 नागरिक मारे गए थे. इसके बाद तुर्कीए ने इजरायल के राजदूत को निष्कासित कर दिया गया था.  


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