Madarsa Act: मदरसा एक्ट को संशोधन करने के लिए सरकार प्लान बना रही है. इस अमेंडमेंट में कुछ डिग्रियां बाहर करने का प्लान है. जिसके बाद मदरसे कामिल और फाज़िल की डिग्रियां नहीं दे पाएंगे. यानी मदरसा एजुकेशन केवल 12वीं तक ही सीमित रह जाएगी.


सुप्रीम कोर्ट दे चुका है असंवैधानिक करार


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5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था, और हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले के साथ ही मदरसा बोर्ड द्वारा 'फाजिल और कामिल' जैसी हायर एजुकेशन की डिग्री देने को असंवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां तक ​​कामिल और फाजिल डिग्री का सवाल है, ये हायर डिग्री हैं, कोई बोर्ड इसे नहीं दे पाएगा.


इस अमेंडमेंट के बाद क्या होगा?


अगर यह अमेंडमेंट पास हो जाता तो आलिम और फाजिल की डिग्री मदरसे नहीं दे पाएंगे. हालांकि, मामला केवल इतना ही नहीं है. सवाल उठता है कि अब उन छात्रों का क्या होगा जो फिलहाल मदरसों से ये डिग्री हासिल कर रहे हैं और उन सरकारी टीचर्स का क्या होगा जो इन स्टूडेंट्स को एजुकेशन दे रहे हैं.


ज़ी मीडिया ने की छात्रों से बात


इसी को लेकर जब जी मीडिया की टीम ने मंसबिया अरबी कॉलेज मे डिग्री ले रहे छात्रों से बातचीत कीय. इस दौरान स्टूडेंट्स ने  सीएम योगी से अपील की ऐसा न किया जाए. इन छात्रों को भी दूसरी यूनिवर्सिटी से अटैच कर दिया जाए, ताकि इन छात्रों की मेहनत खराब ना हो. 


कन्नौज के छात्रों ने क्या कहा?


इस प्रस्ताव की तैयारी से जुड़े मामले पर कन्नौज के अलजामातुल अहमदिया मदरसा से जुड़े छात्रों और शिक्षक ने सरकार से अपील की है. छात्र व शिक्षकों का कहना है कि कामिल और फाजिल की डिग्री हासिल करने के लिए वक्त और रुपए दोनों खर्च हो रहा है. डिग्री मिलने से नौकरी की आस लगी हुई है. अगर सरकार डिग्रियों को बाहर कर देगी तो उनका मुस्तकबिल भी खतरे में पड़ जाएगा.


अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश ने क्या कहा?


अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी का इस मसले को लेकर बयान आया है. उन्होंने कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा शिक्षा को लिए जो आदेश दिया है जो गाइडलाइन दी हैं, उन गाइडलाइंस की स्टडी करके मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन लेंगे.


दानिश अली ने कहा जो भी जरूरी कदम होंगे वह उठाए जाएंगे. मदरसा शिक्षा के माध्यम से मुस्लिम नौजवान अच्छी शिक्षा लें, अच्छा मार्गदर्शन लें, इसके लिए योगी सरकार अच्छा कदम उठा रही है. अभी इसमें किसी भी क्रम में हम आगे नहीं बढ़े हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मार्गदर्शन लिया जा रहा है, जो भी बेहतर कदम होगा उसमें काम किया जाएगा.


सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ था?


सुप्रीम कोर्ट चीफ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने मदरसा एक्ट को 'फाज़िल' और 'कामिल' के मामले में हायर एजुकेशन को विनियमित करने की सीमा तक असंवैधानिक माना है. जो यूजीसी एक्ट का उलंघन करता है.