ईरान की खौफनाक जेल में बंद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस की हालत बिगड़ी, हॉस्पिटल में भर्ती; जानिए क्यों हैं कैद
Narges Mohammadi: ईरान की खौफनाक जेल में बंद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. नरगिस पिछले तीन साल जेल में बंद है. उनपर ईरान में कई गंभीर आरोप हैं.
Narges Mohammadi: जेल में बंद ईरान की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. वो पिछले नौ सप्ताह से बीमार चल रही हैं. जेल अफसरों ने उन्हें दो महीने बाद इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए इजाजत दी. ईरान की मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता ( human rights activist) नरगिस मोहम्मदी के लिए जेल के बाहर अभियान चलाने वाले एक समूह ने रविवार को यह जानकारी दी.
‘फ्री नरगिस कोएलिशन’ ने एक बयान में कहा कि मोहम्मदी को स्वास्थ्य संबंधी समेत कई तरह की परेशानियां हैं. उन्हें तत्काल बेहतर इलाज की बहुत जरूरत है, इस लिए नरगिस को राहत दी जानी चाहिए. इस बयान में कहा गया है कि उन्हें सिर्फ हॉस्पिटल में स्थानांतरित करने से महीनों से हो रहे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान नहीं होगा. बतायाजा रहा है कि मोहम्मदी गंभीर हृदय रोग से पीड़ित हैं.
ईरान की कुख्यात जेल में 3 साल से हैं कैद
मोहम्मदी को ईरान की कुख्यात एविन जेल में रखा जा रहा है, जहां राजनीतिक कैदियों और पश्चिमी देशों से संबंध रखने वाले लोगों को कैद किया जाता है. वह 30 महीने की सजा पहले से काट रही थीं, जिसमें जनवरी में 15 महीने की सजा और जोड़ दी गई. एविन जेल के महिला वार्ड में 6 अगस्त को एक अन्य राजनीतिक कैदी की फांसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के बाद शनिवार को ईरानी अफसरों ने उनके खिलाफ छह महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई.
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नरगिस पर क्या है आरोप
नरगिस मोहम्मदी को साल 2021 में ईरानी सरकार के आदेश पर हिरासत में लिया गया था. उनकी ये गिरफ्तारी गैसोलीन की कीमतों में इजाफा होने की वजह से साल 2019 में हो रहे देशभर में विरोध प्रदर्शन में मारे गए एक शख्स के स्मारक में जाने की कोशिश की थी. वे महिलाओं पर कई तरह की प्रतिबंध को लेकर ईरान सरकार की मुखर रही हैं. वे महिलाओं के अधिकारों, खासकर हिजाब के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. नरगिस मोहम्मदी को साल 2023 में नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वे इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली 19वीं महिला हैं और 2003 में मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन एबादी के बाद यह अवार्ड पाने वाली दूसरी ईरानी महिला हैं.