Quran burnings case: यूरोपीय मुल्क स्वीडन और डेनमार्क में आए दिन कुरान जलाने की घटनाएं सामने आती रहती है. इन घटनाओं से कई मुस्लिम मुल्क भड़के हुए हैं. इस बीच 14 नवंबर को डेनमार्क सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इन घटनाओं पर बैन लगाने के लिए संसद में एक विधेयक लाया गया है, और विधेयक पर संसद में चर्चा हुई है. 


समाज में पैदा होता है तनाव


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डेनमार्क सरकार ने कहा, "इस तरह के घटनाओं से समाज में तनाव पैदा होता है, और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. इसलिए सार्वजनिक रूप से किसी भी मजहबी ग्रंथ को जलाने या बेअदबी करने की घटना को अपराध की श्रेणी में लाने का प्रस्ताव लाया गया है." 


कुरान की बेअदबी करने वालों को मिलेगी कड़ी सजा


संसद की वेबसाइट के मुताबिक, इस कानून के तहत कुरान जलाने या बेअदबी करने वालों को दो साल तक जेल की सजा हो सकती है. डेनमार्क पुलिस के आंकड़ो के मुताबिक, इस साल जुलाई से 24 अक्टूबर 2023 के बीच में यहां 483 बार मजहबी किताबें और झंडा जलाने की घटनाएं हुई हैं. 


सऊदी ने डिप्लोमेट को किया था समन


दरअसल, दक्षिणपंथी नेता ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मौजूद तुर्किए दूतावास के सामने कुरान में आग लगा दी थी, जिसके बाद कई दिगर मुस्लिम देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी. इसके साथ ही सऊदी अरब, मिस्र और तुर्किए समेत कई दिगर मुस्लिम देशों ने इस तरह के घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए स्वीडन और डेनमार्क को कड़े कदम उठाने के लिए कहा था. इस घटना से सऊदी अरब इतना खफा हो गया था कि डेनमार्क के डिप्लोमेट को समन भी किया था. 


डेनमार्क सरकार ने कही ये बात


डेनमार्क की सरकार ने संसद में बिल पेश करने से पहले कहा था, "सरकार कानूनी तरीके खोजने की कोशिश करेगी जिससे अधिकारियों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों में दखल-अंदाजी करने का अधिकार मिल सके." डेनिश विदेश मंत्री लोके रासमुसेन ने सोमवार को कहा था, "हम डेनमार्क के लोगों और दूसरे देशों को भी यह इशारा कर रहे हैं कि हम इस पर काम कर रहे हैं. उम्मीद है कि हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इस बिल से उन्हें कम करने में मदद मिलेगी."


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