India Pakistan: पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि उसे प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (JUD) के प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद के प्रत्यर्पण के लिए भारत से अनुरोध मिला है, लेकिन वह इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच इस संबंध में कोई समझौता नहीं है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है, जिसमें तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की गई है. हालाँकि, भारत के अनुरोध पर अमल करने की कोई योजना नहीं हो सकती है, क्योंकि "पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है".


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विदेश मंत्रालय ने की थी गुजारिश
इससे पहले दिन में, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने एक विशेष मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए हाफिज सईद के भारत प्रत्यर्पण के संबंध में पाकिस्तान सरकार से गुजारिश की है. बागची ने आगे कहा कि "संबंधित व्यक्ति (हाफिज सईद) भारत में कई मामलों में वांछित है. वह संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित आतंकवादी भी है. इस ताल्लुक से हमने हमने दस्तावेजों के साथ एक रिकुएस्ट की है." 


31 साल की सजा काट रहा सईद
भारत सईद पर सीमा पार हमलों में शामिल होने का आरोप लगाता है, हालांकि, प्रतिबंधित संगठन के प्रमुख ने सभी दावों का खंडन किया है. एक पाकिस्तानी अदालत ने 26/11 के मुंबई हमले के लिए अमेरिका और भारत की तरफ से दोषी ठहराए गए सशस्त्र समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक सईद को आतंकवाद के वित्तपोषण के दो मामलों में 31 साल जेल की सजा सुनाई थी.


इन्होंने आतंकवादी घोषित किया
2000 के दशक में संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की तरफ से आतंकवादी घोषित किए जाने के बावजूद, सईद पर लगभग दो दशकों तक न तो आरोप लगाया गया और न ही उसका प्रत्यर्पण किया गया. सईद को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था.