Toshakhana Corruption Case: इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत अर्जी पर शुक्रवार तक के लिए फैसला टाल दिया है. गुरुवार को इस्लामाबाद HC के चीफ जस्टिस आमेर फारूक और जस्टिस तारिक महमूद जहांगीरी की बेंच ने तोशाखाना मामले में सजा के खिलाफ इमरान खान की अपील पर सुनवाई फिर से शुरू की. सुनवाई के दौरान, इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी दलील पेश की और कहा कि फैसला जल्दबाजी में दिया गया था और इसमें खामियां हैं. जैसे ही बचाव दल ने दलीलें पूरी कीं, पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन के वकील अमजद परवेज ने बहस शुरू कर दी. उन्होंने अदालत से कहा कि उन्हें अपनी दलील पेश करने के लिए कम से कम तीन घंटे का वक्त चाहिए. इसके बाद अदालत ने शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे तक सुनवाई को टाल दिया.


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नहीं दी पैसों की जानकारी
अदालत ने 22 अगस्त को शुरुआती सुनवाई की, लेकिन पाकिस्तान चुनाव आयोग के वकील अमजद परवेज के यह कहने के बाद सुनवाई 24 अगस्त तक टाल दी कि उन्हें मामले का रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध कराया गया है और उनको तैयारी करने के लिए समय चाहिए. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान दुनिया भर के कई नेताओं से 14.0 करोड़ रुपये से अधिक के 58 तोहफे मिले और उन सभी को उन्होंने ना के बराबर राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के अपने पास रखा. इस मामले में इमरान पर इल्जाम है कि उन्होंने साल 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान तोशाखाना से हासिल किये गये उपहारों और उनकी बिक्री से हासिल हुई रकम के ब्योरे को जानबूझकर छिपाया.



तोशाखाना केस में हुई है सजा
गौरतलब है कि, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को इस महीने की शुरुआत में जेल में डाल दिया गया था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान खान को देश-विदेश से उपहार मिले थे. इन उपहारों को पूर्व पीएम को तोशाखाना में जमा कराना था.लेकिन उन्होंने इसे जमा कराने के बजाय बेच दिया और जो बेचे हुए उपहार से जो रकम मिली उसे अपने पास रख लिया. इस मामले में इमरान खान ने कानून का उल्लंघन किया. पूर्व पीएम को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया और उन्हें 3 साल की सजा सुनाने के अलावा 5 साल के लिए इलेक्शन लड़ने से भी अयोग्य घोषित कर दिया.


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