Pakistan News: पूर्व पीएम नवाज शरीफ को एवेनफील्ड करप्शन मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में बरी कर दिया है. वहीं शरीफ के खिलाफ एक दूसरे करप्शन के मामले में कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा है.  


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चीफ जस्टिस आमिर फारूक और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब की मेंबरों वाली पीठ ने एवेनफील्ड करप्शन मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की.  


इस मामले में उन्हें साल 2018 में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. लेकिन उसी साल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PMN-L) के चीफ को फ्लैगशिप करप्शन मामले में एक कोर्ट ने बरी कर दिया था. हालांकि, एनएबी ने इस फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.  


क्या है एवेनफील्ड करप्शन?
गलत तरीके से धन अर्जित कर लंदन में प्रोपर्टी रखने के बारे में था, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में आरोपी थे. हालांकि, वह जमानत पर थे. अब कोर्ट ने दोषसिद्धी के खिलाफ उनके अपील पर सुनवाई की और दलीलें सुनने के बाद शरीफ को इस मामले में बरी कर दिया.
  
एक दूसरे मामले में फैसला बरकरार     
वहीं, NAB ने फ्लैगशिप मामले में अपनी अपील को वापस लेने का फैसला किया, जिसकी वजह से एक निचली अदालत ने उन्हें बरी किए जाने से जुड़े फैसले को बरकरार रखा. सुनवाई के बाद शरीफ ने कहा, ‘‘मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं क्योंकि मैंने पूरा मामला उन पर छोड़ दिया था. अल्लाह ने आज हमें विजयी बनाया है.’’


कोर्ट ने शरीफ को इस वजह से किया था भगोड़ा घोषित 
गौरतलब है कि, शरीफ चार साल बाद पिछले महीने अपने वतन वापस लौटे थे. वहीं कोर्ट ने शरीफ को साल 2019 के नवंबर महीने में खराब की हेल्थ की वजह से लंदन जाने की इजाजत दी थी. हालांकि,  इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने  साल 2020 के दिसंबर महीने में दोनों मामलों में उन्हें भगोड़ा मुजरिम करार दिया था.