JUI-F chief Convoy Attacked: पाकिस्तान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के चीफ मौलाना फजलुर रहमान के काफिले पर हमला होने की खबर सामने आ रही है. जिस वक्त मौलाना का काफिला डेरा इस्माइल खान से गुजर रहा था, उस समय नामालूम बंदूकधारियों ने उनके काफिले को निशाना बनाया. एक मीडिया रिपोर्ट में हमले की बात कही गई है. पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि हमलावरों ने काफिले पर दो तरफ से निशाना साधते हुए फायरिंग की. गनीमत रहा कि हमले में मौलाना फजलुर रहमान समेत सभी लोग सुरक्षित बच गए.


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रिपोर्ट में कहा गया है कि जेयूआई-एफ चीफ मौलाना फजलुर रहमान अपने इलेक्शन कैंपेन के तहत डेरा इस्माइल खान से गुजर रहे थे जब उन पर हमला किया गया. हमले के बाद फजलुर रहमान को बहिफाजत अब्दुल खेल स्थित उनके पैतृक घर पहुंचाया गया, जहां उनके सुरक्षित होने की खबर है. चारों तरफ इस हमले की निंदा हो रही है. जेयूआई-एफ के तर्जुमान असलम गोरी ने हमले की आलोचना करते हुए इसे एक बुजदेलाना हरकत करार दिया. असलम गौरी ने इस बात पर तश्वीश का इजहार किया कि पार्टी की कयादत को खतरों के बारे में बार-बार चेतावनियों के बावजूद में इंतेजामिया के जरिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. 



गौरी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि हमने बार-बार इस विषय में प्रशासन से उचित कार्रवाई करने की मांग की थी. गौरी ने सियासी हस्तियों की हिफाजत को यकीनी बनाने के लिए जिम्मेदार संस्थानों पर सवाल उठाते हुए काफिले पर हुए हमले की फौरी तौर पर जांच करने का मुतालबा किया है. इसके अलावा जेयूआई-एफ के तर्जुमान ने खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बिगड़ते कानूनी निजाम के हालात पर फिक्र का इजहार किया. साथ ही 8 फरवरी को होने वाले इलेक्शन के मद्देनजर सियासी लीडरान के सामने बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों पर तश्वीश जाहिर की. उन्होंने इस सिलसिले में सिक्योरिटी को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग की.