Pakistan News: पाकिस्तान में पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के छह सदस्यों को कथित तौर पर खुद को मुसलमान बताने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया है. पाक में 1974 में हुए एक संविधान संशोधन के मुताबिक, अहमदियों को गैर-मुस्लिम घोषित किया गया था. जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की गिरफ्तारी का विरोध किया है.


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 जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने कहा, "कट्टरपंथी तहरीक लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ता इलाका के लोगों को निर्दोष अहमदियों के खिलाफ भड़काने और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में सबसे आगे थे." 


पुलिस अधिकारी अशफाक खान ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया, "अहमदिया समुदाय के छह लोगों वजाहत अहमद कमर, शफीक आदिल, नासिर अहमद, मुदस्सिर अहमद, शिराज अहमद और उमर अहमद बाजवा को खुद को मुस्लिम बताने पर गिरफ्तार किया गया है. उन सभी पर खुद को मुस्लिम बताने का आरोप है. जो पाकिस्तान में गैर-कानूनी है."


टीएलपी दो ईसाइयों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पिछले बुधवार को लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद की जरनवाला तहसील में लगभग 20 चर्चों और ईसाइयों के 80 से अधिक घरों को जलाने में कथित तौर पर शामिल था.


आपको बता दें कि मुस्लिम समाज में अलग-अलग अक़ीदा के मानने वाले हैं. इनमें से एक मिर्जा गुलाम अहमद को मानता है. इसी समुदाय को 'अहमदिया' कहा जाता है. मिर्जा गुलाम अहमद ने 1889 में इस्लाम के अंदर ही एक 'पुनरुत्थान' आंदोलन की शुरुआत की थी. इसी के तहत उन्होंने अहमदिया समुदाय की स्थापना की थी.


साल 1974 में पाकिस्तान में मई महीने में दंगे भड़के थे. इनमें 27 अहमदिया मुसलमानों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पाकीस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने अहमदिया मुसलमानों को ‘नॉन-मुस्लिम माइनॉरिटी’ घोषित कर दिया था. यानी अहमदिया मुसलमान पाकिस्तान में आधिकारिक तौर पर मुस्लिम नहीं हैं. 


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