Former prime minister Imran Khan gets 10 yrs jail: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीयता उल्लंघन मामले में मंगलवार को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है. रावलपिंडी की अदियाला जेल में मामले की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला सुनाया है. 


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खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की कानूनी टीम ने कहा है कि वह इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी और उम्मीद है कि इस सजा को निलंबित कर दिया जाएगा. इससे पहले इस मामले में सरकार की कार्यवाही को असंवैधानिक मानते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले को रद्द कर दिया था, जिसे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले का संबंध गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे से हैं. खान ने 27 मार्च, 2022 को एक सार्वजनिक रैली में अमेरिका का नाम लेते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने की एक ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है.


गौरतलब है कि इमरान खान को अप्रैल 2022 में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए बाहर कर दिया गया था. वर्तमान में वह भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल की जेल की सजा काट रहे है. यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब फरवरी में पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं. 


फैसले के बाद इमरान खान की अवाम से अपील 
खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "यह कोई ट्रायल नहीं है बल्कि एक तय मैच है जिसका नतीजा लंदन प्लान के पात्रों और योजनाकारों और उनकी मुहरों द्वारा पहले से तय था.  यही वजह है कि मुझे इस मामले का फैसला पहले से ही पता था." उन्होंने आगे कहा, "याद रखें कि सिफर एक ऐसा मामला है जिसे इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने दो बार अमान्य घोषित किया है और फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया है , क्योंकि दोनों बार मामले को संविधान और कानून का उल्लंघन करके चलाने की कोशिश की गई थी.  सुप्रीम कोर्ट ने भी मुझे इस मामले में जमानत दे दी है, क्योंकि इस मामले की पूरी इमारत झूठ, बदमाशी, साजिश और धोखे पर बनी है."  पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने यह भी इलज़ाम लगाया कि 'ये लोग मुझे इस मामले में कड़ी सजा देकर आपको उकसाना चाहते हैं ताकि आप सड़कों पर निकलें और विरोध करें. दूसरा, वे चाहते हैं कि आप लोग 8 फरवरी को निराश और क्रोधित होकर घर पर रहें.''


उन्होंने अवाम से अपील कि है, "मेरे पाकिस्तानियों! यह आपकी लड़ाई है और यह आपकी परीक्षा है कि आपको शांतिपूर्ण रहते हुए 8 फरवरी को अपने वोट से हर नाइंसाफी का बदला लेना है.  पिछले 8 महीनों से जेलों में बंद निर्दोष पाकिस्तानियों को न्याय मिलेगा और रिहाई होगी." मुझे विश्वास है कि जैसे कल आपने डर की जंजीरें तोड़ी थीं, वैसे ही आप चुनाव के दिन लाखों की संख्या में सामने आएंगे और अपने वोट की ताकत से लंदन योजना के योजनाकारों को हराएंगे और उन्हें बताएंगे कि हम कौन हैं? हम कोई भेड़_बकरी नहीं है जिसे छड़ी से हांका जा सके.  मेरा मानना ​​है कि 8 फरवरी हमारी जीत का दिन होगा. इंशा अल्लाह."