Pakistan News: कुरआन पर सवाल उठाने पर 4 मुसलमानों को फांसी, एक को उम्रकैद
Pakistan News: रावलपिंडी के सेशन अदालत के जज एहसान महमूद मलिक ने फेसबुक पर ईशनिंदा से संबंधित पोस्ट करने के इल्जाम में सोमवार को चार लोगों को मौत की सजा सुनाई. मुल्क की जांच एजेंसी ने 5 सितंबर को यह जानकारी दी.
Pakistan News: पाकिस्तान की एक कोर्ट ने ईशनिंदा के इल्जाम में चार लोगों को मौत की सजा सुनाई है. मुल्क की जांच एजेंसी ने 5 सितंबर को यह जानकारी दी. रावलपिंडी के सेशन अदालत के जज एहसान महमूद मलिक ने फेसबुक पर ईशनिंदा से संबंधित पोस्ट करने के इल्जाम में सोमवार को चार लोगों को मौत की सजा सुनाई है.
FIA यानी फेडरल जांच एजेंसी ने कहा, "चारों को कुरान पर टिप्पणी करने के लिए 28 साल की जेल की सजा भी दी गई है. हालांकि, पांचवें शख्स उस्मान लियाकत को सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है."
आगे फेडरल जांच एजेंसी ने कहा, "रावलपिंडी डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट के जज ने लगभग 20 साल के युवकों मुहम्मद अमीन, वजीर गुल, फैजान रजाक और मोहम्मद रिजवान को फेसबुक पर पैगंबर के खिलाफ ईशनिंदा से संबंधित कंटेंट पोस्ट करने के लिए सोमवार को मौत की सजा सुनाई है. साइबर-अपराध रोधी शाखा ने पिछले साल उमर नवाज नाम के शख्स से शिकायत मिलने के बाद संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. नवाज ने इल्जाम लगाया था कि संदिग्धों ने सोशल मीडिया पर पैगंबर और कुरान के बारे में आपत्तिजनक कंटेंट साझा किया था."
पाकिस्तान की जांच एजेंसी ने कहा, "जज ने मुल्जिमों को उनके सोशल मीडिया अकाउंट के फॉरेंसिक सबूत पेश किए जाने के बाद मुजरिम ठहराया. न्यायधीश ने अपने फैसले में कहा ''पैगंबर मोहम्मद और कुरान के खिलाफ ईशनिंदा का अपराध माफी लायक नहीं है. इसलिए मुजरिम किसी तरह की रिआयत के हकदार नहीं हैं.''
पाकिसतान में ईशनिंदा को सबसे बड़ा अपराध माना जाता है. इसी साल जून के महीने में पाकिस्तान की एक आदालत ने 22 साल के शख्स को ईशनिंदा के इल्जाम में मौत की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान की मानवाधिकार की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 20 सालों में 774 मुसलमानों पर ईशनिंदा का इल्जाम लगाया जा चुका है.
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