Pakistan News: पाकिस्तान (Pakistan) ने पड़ोसी देश ईरान (Iran) से किफायती दर पर गैस का आयात करने के लिए अरबों रुपये की गैस पाइपलाइन परियोजना अस्थायी रूप से रोक दी है. मीडिया में सोमवार को आयी एक खबर में यह जानकारी दी गयी. ऐसा लगता है कि उसने अमेरिका (America) के दबाव में यह कदम उठाया है. जिसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए हुए हैं. 


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यह कदम तब उठाया गया है. जब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद से से नकदी संकट से जूझ रही अपनी अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने के लिए संघर्ष कर रहा है. IMF ने पाकिस्तान (Pakistan) को तीन अरब डॉलर का कर्ज देने पर सहमति जतायी है.  


इस पिरयोजना से अलग हो गया था भारत
इस परियोजना की शुरुआत में इंडिया, (India) पाकिस्तान (Pakistan) और ईरान (Iran) गैस पाइपलाइन के रूप में कल्पना की गयी थी. लेकिन बाद में इंडिया (India) इससे अलग हो गया और यह पाकिस्तान-ईरान के बीच एक द्विपक्षीय परियोजना बन गयी. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से पाकिस्तान को पाइपलाइन के निर्माण से रोक दिया है.


अमेरिका के प्रतिबंध जारी रहने तक नहीं बहाल होगी गैस पाइपलाइन परियोजना
डॉन अखबार ने बताया कि पाकिस्तान ने अरबों डॉलर की ईरान और पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना पूरी करने पर अपनी इकरार खत्म करने के लिए एक नोटिस जारी किया है और कहा है कि वह ऐसे कुछ कारणों से यह कदम उठा रहा है. जो उसके नियंत्रण से बाहर हैं. अखबार में कहा गया है कि पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंध जारी रहने तक इस परियोजना पर आगे बढ़ने में अपनी असमर्थता जतायी है.


पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री ने कही ये बात
पाकिस्तान के पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने नेशनल असेंबली में कहा, "ईरान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान और पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना रोकी जा रही है. ईरान पर से प्रतिबंध हटने के बाद परियोजना पर काम शुरू होगा. इसे देखते हुए ईरान और पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना पूरा करने के लिए कोई तारीख तथा समयसीमा नहीं दी जा सकती है." 


ईरान ने दी नोटिस को चुनौती
ईरान ने इस नोटिस की वैधता को चुनौती दी है. पाकिस्तान ने जनवरी 2015 तक अपनी तरफ की परियोजना पर काम पूरा करने की प्रतिबद्धता जतायी थी. हालांकि, फरवरी 2014 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संसद को बताया था कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान और पाकिस्तान परियोजना ठंडे बस्ते में चली गयी है. डॉन की खबर के मुताबिक, मलिक ने नेशनल असेंबली को यह भी बताया था कि पाकिस्तान में स्वदेशी गैस की आपूर्ति तेजी से कम हो रही है जबकि गैस के लिए मांग हर साल बढ़ रही है.


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