Imran Khan News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने अपने सद्र और पूर्व पीएम इमरान खान को कई मनगढ़ंत मामलों में लगातार हिरासत में रखे जाने पर तनकीद करते हुए उनकी फौरी तौर पर रिहाई की मांग की है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की कोर कमेटी ने गुरुवार को अपनी मीटिंग में अलग-अलग मुद्दों, खासकर इसके संस्थापक अध्यक्ष के खिलाफ मामलों में अपील में देर, उनकी वाइफ बुशरा बीबी की सिक्योरिटी और पंजाब के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की दोबारा गिनती कराने पर बातचीत की. 


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एक बयान के मुताबिक, पीटीआई की कानूनी टीम ने 71 साल के इमरान खान के मामलों के सिलसिले में कोर कमेटी को हालात से वाकिफ कराया. पार्टी ने क्रिकेटर से लीडर बने पार्टी अध्यक्ष को कई मामलों में जेल में डाले जाने की सख्त अल्फाज में निंदा की. पार्टी लीडरान ने साफ तौर पर कहा कि सरकार की मंशा इमरान खान के लिए सियासी बदले की भावना से रवैया अपनाने की है. तोशाखाना और सिफर (खुफिया सियासी दस्तावेज) मामले जैसे मनगढ़ंत मामलों में त्वरित तौर पर सुनवाई से यह पूरी तरह साबित हो चुका है कि, उन्हें जल्दबाजी में सजा सुनाई गई थी.



बीते माह महीने तोशाखाना बदउन्वानी मामले में एक जवाबदेही अदालत द्वारा इमरान खान और उनकी बीवी को 14 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद 49 साल की बुशरा बीबी को खान के बानी गाला निवास में कैद किया गया ह, जबकि इमरान खान रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में बंद हैं. इमरान खान और उनकी बीवी को तोशाखाना के महंगे तोहफे और इद्दत मामले में कुसूरवार ठहराते हुए कई साल की सजा सुनाई गई है. इद्दत मामले में उनकी शादी को गैर-इस्लामिक करार दिया गया था.



पीटीआई की केंद्रीय समिति (कोर कमेटी) ने अदालती फैसलों के खिलाफ अपील में देर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सियासत पर नाराजगी का इजहार किया है. कमेटी के सदस्यों ने मांग की कि इमरान खान के खिलाफ सभी मामले संविधान और कानून के मुताबिक चलने चाहिए और इन सभी मामलों को फौरी तौर पर खत्म करके पीटीआई के फाउंडर सद्र की रिहाई के अहकामात जारी किए जाने चाहिए. कोर कमेटी ने अपनी मांग दोहराई कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों का, वास्तविक फॉर्म-45 के आलोक में ऑडिट किया जाना चाहिए और पीटीआई की चुराई गई सभी सीट आईन और कानून के तहत पार्टी को वापस कर दी जानी चाहिए.



वाशिंगटन में देश के एंबेसडर द्वारा इस्लामाबाद में हुकूमत को भेजे गए एक खुफिया सियासी दस्तावेज की सामग्री को प्रकाशित करने के मामले (सिफर मामला) में पूर्व पीएम और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को जनवरी में 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी. इमरान खान पर इल्जाम है कि उन्होंने 27 मार्च, 2022 को अमेरिका का नाम लेते हुए एक कथित खुफिया सियासी दस्तावेज लहराया था और दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने की एक 'इंटरनेशनल साजिश' का सबूत है.