Pakistan News: पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. तोशाखाना मामला इस आरोप पर आधारित है कि 71 साल के पूर्व प्रधानमंत्री ने तोशाखाना नियमों का उल्लंघन किया. तोशाखाना वह जगह है जहां विदेशी नेताओं द्वारा पाकिस्तानी शीर्ष नेताओं को उनकी यात्राओं के दौरान उपहार में दिए गए सभी उपहार रखे जाते हैं.


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रावपिंडी अदालत ने सुनाया फैसला


इस्लामाबाद में मौजूद जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की ओर से दायर मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया. अलग-अलग मामलों में 26 सितंबर से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद खान ने भ्रष्टाचार निरोधक निगरानी संस्था द्वारा दायर तोशाखाना मामले में जमानत के लिए याचिका दायर की थीं.


दिया जा सकता है जहर


इससे पहले इमरान खान में जेल में रहते हुए दावा किया था कि उन्हें जेल में जहर दिय जा सकता है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा था कि "मैं अपना देश छोड़ने के लिए तैयार नहीं होऊंगा, इसलिए एक खतरा है कि वे मेरे जेल में रहने के दौरान मेरी जान लेने का एक और प्रयास करेंगे. ऐसा प्रयास धीमे जहर के माध्यम से भी हो सकता है."


अमेरिका पर धमकी का इल्जाम


इमरान खान को तोशाखाना मामले जेल में बद किया गया था, लेकिन बाद में इस मामले में उन्हें बरी कर गिया गया था. इसके बाद उन्हें अधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया. इमरान पर इल्जाम है कि उन्होंने राजनयिक दस्तावेज गायब कर दिए. इस पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने इल्जाम लगाया कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए अमेरिका की तरफ से धमकी दी गई.


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