Manmohan Singh Last Rites: दुनियाभर में मशहूर भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को इंतकाल हो गया था. आज की दिल्ली की निगम बोध घाट पर पूर्व पीएम का दाह संस्कार किया गया. इस दौरान देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज सियासत-दान मौजूद रहे.


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बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मनमोहन सिंह को पेश की खिराज-ए-अकीदत
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके निधन की खबर सुनते ही दुनिया के तमाम ताकतवर देश मनमोहन सिंह के कार्यों को याद करते हुए भावुक हो गए. अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस समेत कई बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मनमोहन सिंह को खिराज-ए-अकीदत पेश की. 


इसी कड़ी में भारत में फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी अबेद एलराजेग अबू जाजेर ने पूर्व पीएम को याद किया. उनके कामों के योगादन का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक महान अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी. आज हम सभी लोग उन्हें याद कर रहे हैं.


फिलिस्तीन के राजदूत ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को किया याद
अबू जाजेर ने बताया कि जब मनमोहन सिंह 1991 में वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति यासर अराफात से दिल्ली में मुलाकात की थी. इसके बाद, जब वह साल 2004 में पीएम बने, तो उन्होंने कई बार फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की.


पूर्व पीएम ने दी थी फिलिस्तीन को जमीन
फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह ने फिलिस्तीन के लोगों के लिए कई अहम फैसले लिए. 2012 में, उन्होंने दिल्ली में फिलिस्तीन के दूतावास के निर्माण के लिए जमीन दी. साथ ही, उन्होंने दूतावास की स्थापना में मदद की. यह एक बड़ा सम्मान था और हम उनकी मदद और समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं. भारतीय राजनीति, अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उन्होंने जो अमूल्य योगदान दिया, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.


कांग्रेस नेताओं पेश की खिराज-ए-अकीदत
गौरतलब है कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश की. नब्बे के दशक की शुरुआती में दम तोड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था को वित्त मंत्री के रूप में डॉ सिंह ने आर्थिक सुधारों के जरिए नया जीवन दिया. उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है.