बांसवाड़ा: तीन तलाक (Teen Talaq) भारत में बैन है. इसके साथ ही कई इस्लामिक देशों ने भी इसपर बैन लगा रखा है. वहीँ, धर्म में इसका प्रावधान होते हुए भी इसे कभी प्रोत्साहित नहीं किया गया है, और इससे लोगों को बचने की सलाह दी है. इसके बावजूद भारत के मुसलमान इससे परहेज करते नहीं दिखाई दे रहे हैं. कभी राह चलते सड़क पर, मॉल में, कभी बेटी पैदा होने पर, तो कभी सब्जी में नमक ज्यादा पड़ने पर तीन स्टैंट तलाक की खबरें बदस्तूर आती रहती है. इससे भी ज्यादा तीन तलाक की मार सबसे ज्यादा वो मुस्लिम महिलाएं झेलती हैं, जिसके पति विदेश में रहते हैं और वहां से फ़ोन पर या व्हाट्सएप पर तीन तलाक दे देते हैं.  


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ताज़ा मामला राजस्थान के बांसवाड़ा शहर का है, जहाँ एक विवाहिता को उसके पति ने विदेश से मोबाइल पर मैसेज भेजकर तीन तलाक दे दिया है.  इस संबंध में पत्नी की शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने पति, सास, ससुर समेत ससुराल के छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.


शिकायतकर्ता पत्नी ने बताया कि उनका निकाह सितंबर 2015 में शाहबाज बेग से हुआ था. शादी के बाद उनकी दो बेटियां भी हुई. विवाह के कुछ वक़्त तक ससुराल में सब कुछ ठीक रहा, लेकिन बाद में आए दिन दहेज की मांग को लेकर उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जाने लगा. पति को कुवैत भेजने के लिए मायके से 5 लाख रुपए लाने की मांग की जाने लगी. महिला ने मारपीट और झगड़ा करने के भी इलज़ाम लगाए हैं.


शिकायत के मुताबिक, 2022 में आरोपियों ने दहेज की मांग करते हुए पीड़ित महिला को उनकी दोनों बच्चियों समेत घर से निकाल दिया था. उस वक़्त से वह मायके में रह रही है. कुछ दिनों बाद पति कुवैत चला गया. वहां से उसने मोबाइल के मैसेज से तीन तलाक दे दिया, जोकि कानूनन वैद्य नहीं है. पीड़िता ने बताया कि उसके पति ने उन्हें नोटिस भेजा था, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया. बाद में उसने फ़ोन पर उसे तलाक दे दिया.. अब मसला ये है कि फ़ोन पर दिया हुआ तलाक न कानून की नज़र में मान्य है, नहीं है, और मुलजिम पर कार्रवाई भी नहीं हो सकती है, क्यूंकि वह देश के बाहर है. ऐसे में महिला क्या करे, यह एक बड़ा सवाल है?  इस मामले में पीड़ित महिला ने इन्साफ की गुहार लगाई है.