Saudi Arabia Death Penalty: सऊदी अरब में इस साल फांसी की सजा देने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस साल 274 लोगों को सज़ा-ए-मौत दी गई है. जिसमें से 101 विदेशी नागरिक शामिल हैं. इसमें कई तरह के अपराधों में दी गई सज़ाएं हैं. सितंबर के महीने में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी में दी जाने वाली मौत की सजा को लेकर फिक्र का इजहार किया था.


2022 और 2023 से तीन गुना


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एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सऊदी अरब में इस साल दी गई फांसी के आंकड़े 2022 और 2023 से तीन गुना हैं. 2022 में 34 और 2023 में 34 विदेशी नागरिकों को सज़ा-ए-मौत दी गई थी. रोपियन-सऊदी ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर ह्यूमन राइट्स ने इस मामले पर अपनी टिप्पणी की है. संगठन के कानूनी निदेशक ताहा अल-हज्जी ने एएफपी को बताया है कि इस साल मौत की सजा देने वाले लोगों की यह सबसे बड़ी तादाद है. ह्नयूमराइट्स संगठन इसकी निंदा करते आए हैं


दूसरे और तीसरे नंबर पर यह देश


सऊदी अरब के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर ईरान और चीन का नंबर आता है. एमनेस्टी इंटरनेशनल आंकड़ों में इस बात की पुष्टि की गई थी. एजेंसी का कहना है कि इस साल सऊदी अरब में मौत की सजा देने के मामले में पिछले 3 दशक का रिकॉर्ड टूटा है.


क्या कहता हैं पुराने आंकड़े


अगर 2022 के आंकड़े की बात करें तो उस सन में 196 लोगों को सबसे ज्यादा मौत की सजा दी गई थी. इससे पहले 1995 में 192 लोगों को मौत की सजा दी गई थी. बता दें, सऊदी अरब के इस रवैया का मानवअधिकार संगठन काफी विरोध करता आया है.


ह्यूमनराइट्स वॉच ने क्या कहा?


ह्यूमनराइट्स वॉच ने जारी अपने एक बयान में कहा था कि सऊदी में मौत की सजा देने की बढ़ती तादाद फिक्र का मुद्दा है. अकेले 2024 के पहले 9 महीनों में 200 लोगों को मौत की सजा दी गई. जो पिछले तीन सालों से काफी ज्यादा है.


किस देश के कितने लोग?


न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक सऊदी में 274 मौत की सजा दी गई हैं. इनमें जिन विदेशी नागरिकों को मौत की सजा दी गई है उनमें पाकिस्तान के 21, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के 9, जॉर्डन के 8 और इथियोपिया के 7 लोग शामिल हैं. वहीं भारत, सूडान और अफगानिस्तान के 3-3 लोग शामिल हैं.  श्रीलंका, इरिट्रिया और फिलिपींस से एक-एक शख्स शामिल है.