Saudi Arabia: एक पूर्व सऊदी अधिकारी ने एक रिपोर्ट में आरोप लगायाकि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने शाही आदेश पर अपने पिता के जाली सिग्नेचर किए, जिसकी वजह से यमन के हूथी विद्रोहियों के खिलाफ राज्य में सालों से चल रही जंग की शुरुआत हुई.


सऊदी अरब के अधिकारी ने किया बड़ा खुलासा


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बीबीसी के पब्लिश किए गए इस इंटरव्यू का फिलहाल सऊदी ने कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि, मुल्क ने उसे एक बदनाम पूर्व सरकार करार दिया है. कनाडा में निर्वासन में रहने वाले पूर्व सऊदी खुफिया अधिकारी अल-जाबरी का राज्य के साथ कई सालों से विवाद चल रहा है क्योंकि उनके दो बच्चों को सऊदी अरब वापस लाने की कोशिश के तहत जेल में रखा गया है.


यह आरोप तब लगाया गया है जब प्रिंस मोहम्मद अब सऊदी अरब के वास्तविक नेता के तौर पर काम काम कर रहे हैं, अक्सर अपने पिता, 88 साल के किंग सलमान की जगह नेताओं से मिलते हैं. बीबीसी को दिए गए अपने बयान में अल-जाबरी ने कहा कि सऊदी होम मिनिस्ट्री से जुड़े एक "विश्वसनीय, भरोसेमंद" अधिकारी ने उन्हें पुष्टि की है कि प्रिंस मोहम्मद ने अपने पिता की जगह पर जंग का ऐलान करने वाले शाही फरमान पर सिग्नेचर किए हैं.


राजा की सही नहीं थी मेंटल हेल्थ


अल-जाबरी ने बीबीसी को बताया, "हमें हैरानी हुई कि ज़मीनी दखल की इजाजत देने के लिए एक शाही आदेश था. उन्होंने उस शाही आदेश के लिए अपने पिता के सिग्नेचर जाली किए थे. राजा की मानसिक क्षमता ख़राब हो रही थी." उस वक्त मोहम्मद बिन सलमान डिफेंस मिनिस्टर थे.


ईरान समर्थित हूति विद्रोहियों के खिलाफ यमन युद्ध, राजकुमार के जरिए जल्द ही खत्म होने के वादों के साथ शुरू किया गया, लगभग एक दशक से चल रहा है. इस युद्ध में 1,50,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.


प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ के अंडर काम करता थे अल-जाबरी


अल-जाबरी ने एक बार पूर्व क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ के लिए काम किया था, जो 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद राज्य में अल-कायदा आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के एक भरोसेमंद शख्स थे. किंग सलमान ने 2017 में अपने बेटे के लिए क्राउन प्रिंस की जगह ली और माना जाता है कि प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ को उसके बाद से ही घर में नजरबंद रखा गया है.