Saudi Majority Rejects Israel: सऊदी अरब पर कई संगठन इल्जाम लगाते आएं है कि सऊदी सरकार की पॉलिसी फिलिस्तीन को लेकर बदल रही हैं. लेकिन सऊदी सरकार और सऊदी लोगों की सोच एकदम उलट है. वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी (Washington Institute for Near East Policy) द्वारा किए गए एक नए सर्वे से पता चला है कि सऊदी के 96 फीसदी लोग सोचते हैं कि "गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के विरोध में अरब देशों को इजरायल के साथ राजनयिक, राजनीतिक, आर्थिक और किसी भी अन्य प्रकार के संबंधों को फौरन तोड़ देने चाहिए." ये सर्वे 14 नवंबर से 6 दिसंबर तक 1,000 सऊदी नागरिकों पर किया गया था. 


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हमास के प्रति बदल रहा लोगों का नज़रया
सर्वे में 16% सऊदी लोगों ने कहा कि "हमास को इजरायल को खत्म करने का अह्वान और लड़ाई बंद कर देनी चाहिए और 1967 की सीमाओं पर समझोता कर लेना चाहिए." इसके अलावा जब लोगों से ये पूछा गया कि 7 अक्टूबर के हमले में हमास का इजराइल के आम नागरिकों को मारना इस्लाम के खिलाफ था? तो उन्होंने जवाब दिया कि हमास ने वास्तव में नागरिकों को नहीं मारा है. इसके अलावा 87 फसदी सर्वे में भाग लेने वाले लोगों को ये भी मानना है कि, "इज़राइल इतना कमजोर और अंदर से बटा हुआ है कि इसे किसी दिन हराया जा सकता है."


बाइडन और MBS की चिंता बढ़ी
इस सर्वे पर रिपोर्ट करते हुए द न्यूयॉर्क टाइम्स ने विश्लेषकों का हवाला देते हुए कहा कि "सऊदी के नेता क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को अभी इजरायल से रिश्ते बनाने का कोई भी फैसला करते वक्त सऊदी के लोगों की राय को ध्यान में रखना चाहिए." अमेरिकी अखबार ने इस सर्वे को बाइडन प्रशासन द्वारा इजरायल और सऊदी के बीच संबंध बनाने वाली कोशिशों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बताया है.