Syria Crisis: सीरिया में बिजली संकट के बीच हिंदुस्तान ने मंगलवार को 75 भारतीय नागरिकों को निकाला है. विद्रोही बलों के जरिए राष्ट्रपति बशर असद की सत्तावादी सरकार को हटाए जाने के दो दिन बाद यह काम किया गया है. मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटरनल अफेयर के मुताबिक इस ऑपरेशन को डेमेसकस और बेरूत में मौजूद भारतीय इंबेसी की मदद से किया गया.


मिनिस्ट्री ने जारी किया बयान


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देर रात जारी बयान में कहा गया, "भारत सरकार ने सीरिया में हाल के घटनाक्रम के बाद आज वहां से 75 भारतीय नागरिकों को निकाला है." विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि सभी लोग सुरक्षित तौर पर लेबनान पहुंच गए हैं और वे मौजूग कमर्शियल फ्लाइट्स से भारत लौटेंगे.


किन लोगों को निकाला गया?


विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "निकाले गए लोगों में जम्मू-कश्मीर के 44 लोग शामिल हैं, जो सईदा जैनब में फंसे हुए थे. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित तौर पर लेबनान पहुंच गए हैं और वे मौजूद कमर्शियल फ्लाइट्स से भारत लौटेंगे." विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि सरकार विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है.


भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी


भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी में कहा कि जो लोग सीरिया में रह रहे हैं वह इंडियन एंबेसी के साथ संपर्क में रहें. सरकार करीब से हालातों पर नजर  बनाए हुए है. रविवार को सीरियाई सरकार गिर गई, क्योंकि विद्रोही बलों ने कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर रणनीतिक कब्ज़ा करने के बाद दमिश्क पर भी कंट्रोल कर लिया.


50 साल के शासन का हुआ खात्मा


कब्जा होने के तुरंत बाद, राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए, रिपोर्ट्स के मुताबिक वह इस वक्त रूस में हैं.  इसके साथ ही उनके परिवार के 50 साल के शासन का खात्मा हो गया है. असद सरकार पर कई तरह के इल्जाम लगते आए थे.