Tajikistan: हिजाब और बुर्के को लेकर दुनियाभर के कई देशों में बहस छिड़ी हुई है. भारत में भी पिछले साल हिजाब को लेकर खूब सियासत हुई थी. इसी बीच अफगानिस्तान के पड़ोसी मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले को लेकर पूरे देश में हड़कंप मच गया है.
  
दरअसल, ताजिकिस्तान संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली ने 19 जून को एक कानून पारित किया है, जिसमें हिजाब (महिलाओं के लिए अरबी टोपी) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसे "विदेशी परिधान" करार दिया है. इसके अलावा ताजिकिस्तान ने ईद के त्योहार में पैसे मांगने की प्रथा 'ईदी' पर भी बैन लगा दिया है. 


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दोनों सदनों से बिल पास 
लगभग 10 मिलियन आबादी वाला देश ताजिकिस्तान के 96% से ज्यादा लोग इस्लाम मजहब का पालन करते हैं. ताजिकिस्तान की संसद के दोनों सदनों ने 19 जून को ये बिल पास हुआ था, जिसमें ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा के त्योहार में बच्चों को विदेशी पहनावे और ईदी परंपरा पर रोक लगाने का प्रावधान है. 


राष्ट्रपति रुस्तम इमोमाली की अगुआई वाली संसद के 18वें सेशन में कानून में बदलाव करने से पहले बिल पर चर्चा हुई. इस दौरान ताजिकिस्तान संसद ने कहा कि हिजाब ताजिक ट्रेडिशन और कल्चर का हिस्सा नहीं है. इसी वजह से ऐसे विदेशी पहनावे को देश में प्रतिबंध किया जाता है.  बता दें कि यह कानून अभी दोनों सदनों से पारित हुआ है. सरकार जल्द ही इस कानून को लागू करने की योजना बना रही है. हालांकि, इस बिल को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.


नियम का पालन न करने पर लगेगा भारी जुर्माना
सांसद ने कानून तोड़ने के नियमों में नए बदलावों पर भी सहमति व्यक्त की है. नए कानून के मुताबिक कानून तोड़ने वालों भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. इस नए बिल के मुताबिक व्यक्तियों पर 7,920 सोमोनिस (करीब 61,623 भारतीय रुपये) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, जबकि कंपनियों पर 39,500 सोमोनिस तक का जुर्माना लग सकता है.
 
वहीं, सरकारी अफसरों और धार्मिक नेताओं को दोषी पाए जाने पर और भी ज्यादा  जुर्माना भरना पड़ सकता है. अफसरों के लिए 54,000 सोमोनिस और धार्मिक नेताओं के लिए 57,600 सोमोनिस तक जुर्माना होगा